परगना के फैसले को फकीर ने दी चुनाैती

राजनगर के झुमाल में युवती को जबरन सिंदूर डालने का मामला दंड में शादी का खर्च मांगना गलत, युवक को सख्त सजा होना चाहिए था प्रावधान 30 अप्रैल को हल्दीपोखर तोरोफ परगना की देखरेख में हुई थी सामाजिक बैठक जमशेदपुर : भरत दिशोम संताल महाल सह बरहा के महाल चुड़ा फकीर सोरेन ने हल्दीपोखर तोरोफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2017 8:43 AM

राजनगर के झुमाल में युवती को जबरन सिंदूर डालने का मामला

दंड में शादी का खर्च मांगना गलत, युवक को सख्त सजा होना चाहिए था प्रावधान

30 अप्रैल को हल्दीपोखर तोरोफ परगना की देखरेख में हुई थी सामाजिक बैठक

जमशेदपुर : भरत दिशोम संताल महाल सह बरहा के महाल चुड़ा फकीर सोरेन ने हल्दीपोखर तोरोफ परगना सुशील हांसदा के फैसले को चुनौती दी है.

उनका कहना है कि शादी का रस्म अदायगी के बिना किसी से शादी का सारा खर्च मांगना बिल्कुल उचित नहीं है. तथा दंड देने का दूसरा स्वरूप हो सकता था,

लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि जिस युवक ने जबरन युवती के माथे पर सिंदूर डाला वह कम जिम्मेवार है. बल्कि उसे भी समाज की ओर से सख्त से सख्त सजा सुनाया जाना चाहिए.

जिससे दूसरे युवक को सबक मिल सके. जबरन किसी के मांग में सिंदूर लगाना किसी अपराध से कम नहीं है. 30 अप्रैल को पोटका प्रखंड के रसुनचोपा गांव के शिशु मंदिर प्रांगण में हल्दीपोखर तोरोफ परगना सुशील हांसदा की देखरेख में

सामाजिक बैठक का आयोजन हुआ था. जिसमें राजनगर प्रखंड के झुमाल गांव के युवक पोटका के बांधुवा गांव की युवती के मामले पर फैसला हुआ था.

तोरोफ परगना ने मवेशी, खस्सी, चावल, साजोसमान समेत शादी का खर्च लेकर युवक को माफ कर दिया था. फकीर सोरेनने कहा कि कि यदि इस तरह का फैसला सुनाया जायेगा, तो जिनके पास रुपयेपैसे हैं उनका मनोबल बढ़ेगा.

क्योंकि उन्हें तो पता है समाज उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती है. उन्हें मवेशी, खस्सी साजो समान दंड के रूप में देना होगा और उसे छोड़ दिया जायेगा. लेकिन जबरन जिस लड़ी को सिंदूर लगाया जायेगा उसके प्रति समाज का नजरिया बदल जायेगा.

इसलिए समाज को उनके साथ भी खड़ा होने की जरूरत है. घटना के दोषी व्यक्ति के साथ समाज को सख्ती से पेश आना चाहिए, ताकि दुबारा इस तरह के कार्य को अंजाम देने से पहले कोई भी दस बार सोचने को बाध्य हो जाये.

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