रेलवे ट्रैफिक कॉलोनी: मकान तोड़ने का नाेटिस देने गये लोगों को खदेड़ा, चार घंटे तक बंधक रहे एडीइएन

जमशेदपुर : बागबेड़ा ट्रैफिक कॉलोनी (पानी टंकी के पास) में मकानों को तोड़ने का नोटिस देने से आक्रोशित महिलाओं ने मंगलवार को दपू रेलवे टाटानगर कार्यालय सहायक अभियंता (प्रथम )(एडीइन 1) एसके दास के कार्यालय पर धरना- प्रदर्शन किया और उन्हें चार घंटे तक बंधक बनाये रखा. पुलिस हस्तक्षेप और लोगों को दूसरी जगह बसने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2017 7:39 AM
जमशेदपुर : बागबेड़ा ट्रैफिक कॉलोनी (पानी टंकी के पास) में मकानों को तोड़ने का नोटिस देने से आक्रोशित महिलाओं ने मंगलवार को दपू रेलवे टाटानगर कार्यालय सहायक अभियंता (प्रथम )(एडीइन 1) एसके दास के कार्यालय पर धरना- प्रदर्शन किया और उन्हें चार घंटे तक बंधक बनाये रखा. पुलिस हस्तक्षेप और लोगों को दूसरी जगह बसने के लिए दो माह का समय दिये जाने के आश्वासन पर महिलाएं शांत हुईं. प्रदर्शन का नेतृत्व महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष अपर्णा गुहा ने किया.

इससे पूर्व एडीइन 1 के आदेश पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर(एसएसइ) गिरधर कुमार के नेतृत्व में दो कर्मचारी मंगलवार को दिन के 11 बजे बागबेड़ा ट्रैफिक कॉलोनी (पानी टंकी के पास) में रह रहे लोगों को मकान खाली करने का नोटिस देने पहुंचे थे. अभी 12 लोगों को ही नोटिस दिया गया था कि बस्तीवासी गोलबंद हो गये और अधिकारियों को घेर कर चले जाने को कहा. विवाद बढ़ने से पूर्व ही रेलवे के अधिकारी बिना नोटिस दिये लौट आये. इसके बाद महिलाएं अपने बच्चों के साथ पैदल एडीइएन कार्यालय पहुंची और धरना देकर विरोध दर्ज कराया.
धूप में बेहोश हो गयी दो महिलाएं
एडीइन 1 के कार्यालय के अंदर एसके दास एसी में बैठे रहे तथा बाहर धूप में घंटों खड़ी महिलाओं में से दो बेहोश होकर गिर गयी. इससे महिलाओं का आक्रोश बढ़ गया. आक्रोशित महिलाएं कांग्रेस नेत्री अपर्णा गुहा के नेतृत्व में चेंबर के आगे धरने पर बैठ गयीं. बागबेड़ा ट्रैफिक कॉलोनी (पानी टंकी के पास) के मकानों को 15 दिनों के अंदर खाली करने को नाेिटस दिया जा रहा है.
धूप में घंटों खड़ी रही महिलाएं चेंबर से नहीं निकले एडीइएन
धूप में खड़ी महिलाएं बेहोश हो गयीं, लेकिन एडीइन- 1 एसके दास एसी चेंबर से नहीं निकले, जिसके बाद उनका घेराव किया गया. बाद में श्री दास ने दो माह का समय दिया है. डीसी से मिल गरीबों को उजड़ने से बचाया जायेगा.
– अपर्णा गुहा, कार्यकारी अध्यक्ष, महिला कांग्रेस
उजाड़ने से पहले लोगों को बसाये रेलवे
चुनाव के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रेलवे की जमीन से गरीबों को नहीं उजाड़ने की बात कही थी. अब गरीबों के आशियाने को तोड़ कर पार्क बनाने की योजना चल रही है. -बजरंग सिंह
भूखे प्यासे महिलाएं, बच्चे गेट पर धूप में उजड़ने से बचने के लिए बैठे रहे. हमें ऑफिस से बाहर जाने को कहा गया. आखिर हम कहां से न्याय मांगे.
– तेतरी देवी
कई दशकों से हम झोपड़ी बना कर रहे हैं. हमे उजाड़ने के पहले सरकार बसाये. – चंदा देवी
उजड़ने के बाद हम कहां जायेंगे. किसी तरह से एक छोड़ी झोपड़ी बनायी थी . – बसंती देवी
बड़े लोगों को छोड़ रेल अधिकारी गरीबों को उजाड़ने पर तुले है. – यशोदा देवी

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