बच्चा चोर की अफवाह के बाद सोशल मीडिया के खतरे कायम, आपत्तिजनक पोस्ट-वीडियो शेयर करने से बिगड़ सकता है माहौल

रांची :जमशेदपुरवसरायकेलाजिलेमें किसी का बच्चा चोरी नहीं हुआ,किसीने थाने में शिकायत भी दर्ज नहीं करायी न कोई अपने बच्चेकीचोरी के बाद उसेढूंढतापाया गया, फिर भी आठ बेकसूर लोगों की हत्याकरदी गयी. जिन लोगों की हत्या की गयी, वे किसी एक धर्मकेनहीं थेयानीइसका धर्म से कोई नातानहींहै. बस, उन्मादी भीड़ ने बेवजह पीट-पीट कर वैसे लोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2017 2:47 PM

रांची :जमशेदपुरवसरायकेलाजिलेमें किसी का बच्चा चोरी नहीं हुआ,किसीने थाने में शिकायत भी दर्ज नहीं करायी न कोई अपने बच्चेकीचोरी के बाद उसेढूंढतापाया गया, फिर भी आठ बेकसूर लोगों की हत्याकरदी गयी. जिन लोगों की हत्या की गयी, वे किसी एक धर्मकेनहीं थेयानीइसका धर्म से कोई नातानहींहै. बस, उन्मादी भीड़ ने बेवजह पीट-पीट कर वैसे लोगों को मार डाला, जो शाम ढलने के बाद उनके इलाके से गुजर रहे थे और उनके संदेह के दायरे में आ गये. जिस कैंसर पीड़ित बच्ची के पिता की हत्या हुई वह किसी और धर्म का था और जिन दो पोतों को रात में उसके दादा के सामने तमाम सबूत दिखाने के बाद पीट कर मार दिया गया, वे किसी और धर्म के थे. इसके बाद शनिवार को जमशेदपुर सुलग गया. स्थिति अब सामान्य हुई है, लेकिन खतरे कायम हैं. सबसे बड़ा खतरा सोशल मीडिया से है. जहां, लोग अलग-अलग खांचे में बंटे हुए हैं और अपने-अपने ढंग से इस घटना से जुड़े अलग-अलग वीडियो व मैसेज को शेयर, पोस्ट या वायरल करने में जुटे हैं.

हालांकि झारखंड पुलिस इस मुद्दे पर गंभीर है और ऐसे मैसेज करने वालों को चिह्नित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिन्होंने ने सिर्फ बच्चा चोरकी अफवाह को हवा दी, बल्कि उसके बाद जिस तरह के हत्याकांड हुए उसे गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया जा रहा है. रविवार को इसी कड़ी में आदित्यपुर के एस टाइप ए युवक को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया.लेकिन,वास्तविकता यह है कि ऐसी अफवाहोंको फैलाने वाले लोग इतनी बड़ी तादादमें हैंऔर उसमें सामान्य लोग भीजाने-अनजातेभागीदार बन जाते हैं, तो उन पर लगाम लगाना जटिल हो जाता है. ऐसे में पुलिस का आइटी तंत्र अभी बहुत दुरुस्त नहीं है.

सबसे शर्मनाक बात यह है कि सरकारी पदों पर बैठे लोग भी भड़काऊ मैसेज व वीडियो को शेयर करने में साझेदार हो गये हैं और वे ऐसे वीडियो व पोस्ट शेयर कर रहे हैं, जो एकपक्षीय हैं. जिसमें किसी एक पक्ष को पीड़ित और दूसरे को पीड़ा पहुंचाने वाले के रूप में देखायादिखाया जा रहा है.ऐसे वीडियो शेयर करने वालों में पुलिस बल में शामिल लोग भी शामिल हैं. हत्या मामले में जो गिरफ्तारियां हुई हैं, उससे यह बात सामने आयी है कि जहां भी घटना घटी वहां लोगों ने स्थानीय प्रभावशाली लोगों के उकसाने पर ऐसा किया और इसमें धर्म-संप्रदाय की कोई चर्चा ही नहीं है, बस बच्चा चोर, बच्चा चोर कह कर लोग रात में अपने गांव-इलाके से गुजरने वाले राह राहगीरों पर टूट पड़े.

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