एक भी घर नहीं हटेगा : चंपई
आयडा. अतिक्रमण हटाने के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन आदित्यपुर : झारखंड के आदिवासी-मूलवासी के साथ जुल्म हो रहा है. एक भी घर नहीं हटने दिया जायेगा. हटाने का प्रयास किया गया तो बड़ा जन आंदोलन होगा, जिसे प्रशासन रोक नहीं पायेगा. उक्त बातें विधायक सह झामुमो नेता चंपई सोरेन ने आयडा के विकास भवन के […]
आयडा. अतिक्रमण हटाने के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन
आदित्यपुर : झारखंड के आदिवासी-मूलवासी के साथ जुल्म हो रहा है. एक भी घर नहीं हटने दिया जायेगा. हटाने का प्रयास किया गया तो बड़ा जन आंदोलन होगा, जिसे प्रशासन रोक नहीं पायेगा. उक्त बातें विधायक सह झामुमो नेता चंपई सोरेन ने आयडा के विकास भवन के समक्ष सोमवार को प्रदर्शन के दौरान कही. उन्होंने कहा कि शंकरपुर व हथियाडीह में बसे लोगों को प्रशासन 48 घंटे के अंदर घर खाली करने का निर्देश दे रहा है. यह कैसा लोकतंत्र है?
आयडा व जिला प्रशासन को इतिहास जानना चाहिए. अब तक कितने लोग विस्थापित हुए और कितनों को नौकरी मिली? जिनकी जमीन गयी वे कहां बसे? जिनकी जमीन गयी उनको कुछ नहीं मिला. अब दोबारा उन्हें उजाड़ने का प्रयास हो रहा है. आयडा बोली लगाने वाला कार्यालय बन गया है. जिनको जरूरत है उनको जमीन नहीं, बल्कि बोली लगाने वाले लोगों को जमीन मिल रही है. शंकरपुर राजस्व गांव है, इसलिए बिना ग्रामसभा के यहां कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है. श्री सोरेन ने कहा कि लोगों को हटाकर उद्योग के लिए जमीन दी जायेगी, जबकि आधे उद्योग बंद पड़े हैं और कई उद्योग कोमा में हैं. उद्योगों को पुनर्जीवित किये बिना पुन: जमीन अधिग्रहण कर नया उद्योग बसाने का क्या कारण है? उद्योग के लिए आवंटित प्लॉट पर शोरूम खोला जा रहा है.
फुटबॉल मैदान से निकला जुलूस
शंकरपुर से लोगों को हटाने के प्रस्ताव के खिलाफ झामुमो के आंदोलन के दौरान सभी कार्यकर्ता फुटबॉल मैदान में एकत्र हुए. यहां से विधायक श्री सोरेन के नेतृत्व में जुलूस निकाला. गाजा-बाजा, झंडा व पारंपरिक हथियार के साथ निकला यह जुलूस आयडा में जाकर एक सभा में बदल गया. इस अवसर पार्टी के जिलाध्यक्ष रंजीत प्रधान के अलावा अन्य नेता गणेश चौधरी, पितोवास प्रधान, भुंडा बेसरा, मंटू महतो, गोरा दा, गुरुचरण मुखी, शेख हसन, महेश्वर महतो, अमृत महतो, दीपक मंडल समेत कई लोग उपस्थित थे.
सचिव को सौंपा ज्ञापन
विधायक श्री सोरेन ने सभा के बाद आयडा के सचिव हरि कुमार केशरी को ज्ञापन सौंपा. इसमें झामुमो की ओर से शंकरपुर व हथियाडीह के आदिवासी-मूलवासी को विस्थापित करने के प्रस्ताव को वापस लिये जाने की मांग की गयी है, ताकि आम जनता में भय का माहौल न हो और उक्त राजस्व गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाये.
आयडा अपना निर्णय वापस ले, अन्यथा बड़ा जन आंदोलन होगा
आवास बोर्ड भी रहा निशाने पर
अपने संबोधन के दौरान श्री सोरेन ने आवास बोर्ड को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि कामगारों को रहने के लिए घर बनाने के लिए आवास बोर्ड ने जमीन अधिगृहित किया था, लेकिन उसे बेचा जा रहा है. जमीन का आवंटन कितने आदिवासी-मूलवासी को किया गया, इसका हिसाब दे आवास बोर्ड.