जमशेदपुर : शहरवासियों के लिये केंद्र सरकार ने एक ही दिन दो-दो तोहफा की घोषणा कर दी. स्थानीय लोगों काफी पुरानी मांग हवाई अड्डा तथा कोलकाता के लिये छोटी जहाजों की उड़ान की सुविधा जल्द ही मिलेगा. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा ने शनिवार को शहर प्रवास के दौरान दोनों घोषणाएं एक साथ की. स्थानीय सर्किट हाउस में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने इसकी घोषणा की. श्री सिन्हा के साथ संवाददाता सम्मेलन में सांसद विद्युत वरण महतो, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश कुमार शुक्ला, जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार, जिला महासचिव अनिल मोदी, जिला प्रवक्ता अंकित आनंद समेत अन्य लोग मौजूद थे.
जयंत सिन्हा ने बताया कि सोनारी एयरपोर्ट टाटा स्टील का है, उसका इस्तेमाल उड़ान परियोजना के तहत 1200 रुपये के टिकट पर लोग आधे घंटे में कोलकाता की उड़ान भर सकेंगे. उड़ान परियोजना के तहत एक घंटे की यात्रा पर 2500 रुपये का टिकट लगने वाला था, लेकिन यह चूंकि आधे घंटे का सफर है, इस कारण 1200 रुपये का ही टिकट लगने वाला है. यह सेवा सोनारी एयरपोर्ट से एयर डेक्कन शुरू करने जा रही है. पहले भी यह कंपनी यहां काम कर चुकी है, लेकिन चूंकि, केंद्र सरकार विमान कंपनियों को सब्सिडी दे रही है, इस कारण यहां यह सेवा की निरंतरता बनी रहेगी.
धालभूमगढ़ में 400 एकड़ जमीन अधिग्रहित होगी, 300 करोड़ का निवेश होगा
श्री सिन्हा ने बताया कि धालभूमगढ स्थित पुराने हवाई अड्डा परिसर में एयरपोर्ट नहीं बनेगा. विश्वस्तरीय नया हवाई अड्डा का निर्माण किया जाएगा. इसके लिये सांसद विद्युत वरण महतो के प्रयासों की उन्होंने काफी सराहना भी की. उन्होंने बताया कि सांसद विद्युत महतो के आग्रह पर एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की टीम के सदस्य गतदिनों शहर आकर धालभूमगढ व चाकुलिया और कांड्रा का दौरा किया था और उसकी संभावनाओं को तलाशा था. इस आलोक में विभागीय पदाधिकारियों ने विचार कर तथा मुख्यमंत्री रघुवर दास से बातचीत के बाद धालभूमगढ में ही हवाई अड्डा निर्माण के लिये उपर्युक्त माना.
उन्होंने बताया कि इसके लिए 400 एकड़ की जमीन अधिग्रहित की जायेगी जबकि करीब 300 करोड़ रुपये का निवेश होगा. अगर राज्य सरकार इसकी जमीन को एयरपोर्ट ऑथोरिटी को ट्रांस्फर करेगी तो सारा पैसा ऑथोरिटी ही खर्च करेगी. चूंकि, यह एरिया एनएच से सटा हुआ है, इस कारण यह सुविधायुक्त होगा और पुराना एयरपोर्ट अंदर होने के कारण वहां इसको नहीं बनाया जा सकता है. श्री सिन्हा ने बताया कि इसके लिये अब राज्य सरकार का जिम्मा अधिक बढ़ गया है. श्री सिन्हा ने बताया कि जमीन हस्तांतरण का कार्य पूरा होने के बाद जनवरी, 2018 से निर्माण कार्य शुरु होने की संभावना है. निर्माण पूरा होने में कम से सम 3 वर्ष लगेंगे. उन्होंने बताया कि इसमें रन-वे 3 किलोमीटर का होगा, ताकि बडी हवाई जहाजें यहां आ–जा सके.