होटवार जेल में बंद सोनू सिंह के नाम पर रंगदारी मांगने का आरोपी बंटी गया जेल
व्यापारियों से रंगदारी वसूलने वाला परसुडीह गोलपहाड़ी निवासी बंटी गुहा को पुलिस ने रविवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. केस का उद्भेदन करते हुए सिदगोड़ा थाना प्रभारी रंजीत कुमार ने बताया कि बंटी के खिलाफ कदमा, टेल्को,साकची,जुगसलाई और सीतारामडेरा थाना में कुल सात केस दर्ज हैं.
जमशेदपुर. व्यापारियों से रंगदारी वसूलने वाला परसुडीह गोलपहाड़ी निवासी बंटी गुहा को पुलिस ने रविवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दी. केस का उद्भेदन करते हुए सिदगोड़ा थाना प्रभारी रंजीत कुमार ने बताया कि बंटी के खिलाफ कदमा, टेल्को,साकची,जुगसलाई और सीतारामडेरा थाना में कुल सात केस दर्ज हैं. गिरफ्तारी के समय बंटी ने फिल्मी स्टाइल में पांचवें तल्ले से छलांग लगा दी. हालांकि इसके बावजूद वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. इससे पहले वर्ष 2021 में टेल्को से आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. वह खुद को डीएसपी बताकर लोगों से रुपये की वसूली करता था. इसी आरोप में जेल में रहते हुए उसकी मुलाकात उपेन्द्र सिंह हत्याकांड के आरोपी सोनू सिंह से हुई थी. तीन माह पहले जमानत पर छूटने के बाद वह शहर में घूमकर कारोबारियों से खुद को सोनू सिंह बताकर रंगदारी वसूलने लगा. वह मौज-मस्ती का शौकीन था.
पुलिस जांच में सामने आयी सच्चाई
पुलिस ने दावा किया बंटी काफी शातिर युवक है. जेल में रहने के दौरान उसने सोनू सिंह के बातचीत का तरीका जाना लिया.इसके बाद रंगदारी वसूलना शुरु किया. बंटी ने करीब 25 दुकानदारों और व्यापारियों को फोन कर रंगदारी की मांग की. शुरुआत में वह एक से दो लाख रुपये मांगता था. कारोबारियों द्वारा बड़ी राशि देने से इंकार करने पर पांच से 10 हजार रुपये भी ले लेता था. इसी क्रम में उसने बारीडीह के कारोबारी अमित चावला से एक लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी. इसके अलावा उनके पड़ोसी दुकानदार मोहन प्रसाद और विवेक झा से भी पैसे की मांग की गयी थी. बंटी के पास से रंगदारी के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल जब्त हुआ है.
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शराब पिलाने के बाद साथियों को भेजता था रुपये वसूलने
पूछताछ में पता चला कि आरोपी रुपये मंगवाने के लिए अपने साथियों का इस्तेमाल करता था. सिदगोड़ा के आशु और उसके साथी को वह पहले शराब पिलाता था. दूसरे दिन कारोबारी के दुकान पर रुपये लेने भेजता था. दोनों युवक बंटी की इस करतूत से अंजान थे. बंटी साथियों को बताता था कि वह काम से रुपये ले रहा है. इंस्पेक्टर रंजीत कुमार ने बताया कि केस होने पर आरोपी कोलकाता भाग गया था. पुलिस की ओर से की गयी छापेमारी में पकड़ा गया.