बारीडीह गुरुद्वारा विवाद : अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने लिखा जत्थेदार ज्ञानी रघुवीर सिंह को पत्र
बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार कुलविंदर सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघुवीर सिंह को पत्र लिखकर पूछा है, क्या किसी धीरमलिए को कोई भी जत्थेदार तनख्वाह लगा सकते हैं.
जमशेदपुर :
बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार कुलविंदर सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघुवीर सिंह को पत्र लिखकर पूछा है, क्या किसी धीरमलिए को कोई भी जत्थेदार तनख्वाह लगा सकते हैं. कुलविंदर सिंह ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा है कि जब गुरु गोविंद सिंह जी ने धीरमलियों के साथ किसी प्रकार का संबंध नहीं रखने का आदेश दे रखा है तो जत्थेदार कैसे तनख्वाह लगाकर क्लीन चिट दे सकते हैं.अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने जत्थेदार को बताया है कि सेंट्रल कमेटी के प्रधान ने अपनी मर्जी से आमसभा की. संगत के बीच चुनाव की घोषणा की. वोटर लिस्ट तैयार होने लगी, फिर धार्मिक परीक्षा हुई और इसमें उनके तथाकथित दो उम्मीदवार सरदार अवतार सिंह सोखी और सरदार कुलदीप सिंह फेल हो गये. सरदार अवतार सिंह सोखी पटना तख्त पहुंचे और उन्होंने लिखित रूप से स्वीकार किया कि वे बाबा वडभाग सिंह के डेरे जाते हैं, लेकिन प्रण करते हैं आगे से नहीं जायेंगे. लिखित रूप से दोष स्वीकार करने के बावजूद उन्हें तनख्वाह जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी बलदेव सिंह और पांच सिंह साहिब ने क्लीन चिट दे दी. उसके आधार पर सेंट्रल कमेटी के प्रधान ने अवतार सिंह सोखी को बारीडीह कमेटी का प्रधान घोषित कर दिया. इसके कारण अब यहां लड़ाई-झगड़ा का अंदेशा बना हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है