अपहरण के बाद सीवान में अशोक की गला घोंट कर हुई थी हत्या, दाहा नदी में फेंका शव
Bengal news, Asansol news : आसनसोल साऊथ थाना कांड संख्या 92/2020 (अशोक कानू अपहरणकांड) में जांच कर रही पुलिस को जानकारी मिली है कि अपहरण के बाद अशोक की हत्या कर दी गयी. जमशेदपुर की पलक कुमारी ने अशोक को अपने प्यार के जाल में फंसाकर 17 फरवरी, 2020 को सीवान (बिहार) के अनूप यादव के हवाले किया. जिस दिन उसे अनूप के हवाले किया गया, उसी दिन उसकी गला घोंटकर कर हत्या कर दी गयी. शव को सीवान के दाहा नदी में फेंक देने का आरोप है. इस जानकारी को भी प्रमुखता देते हुए पुलिस अपनी जांच को आगे बढ़ाने में जुटी हुई है. पुलिस रिमांड में अनूप को लेकर पुलिस की टीम इस कांड से जुड़े अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर सीवान में पिछले 4 दिनों से लगातार छापेमारी कर रही है.
Bengal news, Asansol news : आसनसोल : आसनसोल साऊथ थाना कांड संख्या 92/2020 (अशोक कानू अपहरणकांड) में जांच कर रही पुलिस को जानकारी मिली है कि अपहरण के बाद अशोक की हत्या कर दी गयी. जमशेदपुर की पलक कुमारी ने अशोक को अपने प्यार के जाल में फंसाकर 17 फरवरी, 2020 को सीवान (बिहार) के अनूप यादव के हवाले किया. जिस दिन उसे अनूप के हवाले किया गया, उसी दिन उसकी गला घोंटकर कर हत्या कर दी गयी. शव को सीवान के दाहा नदी में फेंक देने का आरोप है. इस जानकारी को भी प्रमुखता देते हुए पुलिस अपनी जांच को आगे बढ़ाने में जुटी हुई है. पुलिस रिमांड में अनूप को लेकर पुलिस की टीम इस कांड से जुड़े अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर सीवान में पिछले 4 दिनों से लगातार छापेमारी कर रही है.
क्या है पूरा मामला
आसनसोल साऊथ थाना क्षेत्र के बलतोड़िया बिहारीपाड़ा निवासी एवं इसीएल कर्मी अकल कानू का पुत्र अशोक कानू (25 वर्षीय) 15 फरवरी, 2020 को अपने कुछ दोस्तों के साथ 4 दिन के लिए बाहर घूमने जाने की बात कहकर घर से निकला. 4 दिन बाद उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ मिलने पर घरवालों ने आसनसोल साऊथ थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी. इस बीच अपने स्तर से छानबीन में घरवालों को पता चला कि अशोक को जमशेदपुर (झारखंड) जिला के परसुडीह थाना अंतर्गत हरहरगुट्टू जेल रोड निवासी अशोक भारती की बेटी पलक भारती अपने साथ लेकर गयी है. इसके आधार पर श्री कानू ने अपने बेटे अशोक के अपहरण की शिकायत 9 मार्च, 2020 को थाने में दर्ज करायी. शिकायत के आधार पर कांड संख्या 92/2020 में पलक को मुख्य आरोपी बनाकर आईपीसी की धारा 363/365 के तहत मामला दर्ज हुआ. 12 मई को पुलिस ने पलक को जमशेदपुर स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया.
रिमांड के दौरान पलक से पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने कांड में आईपीसी की धारा 364 (हत्या के लिए अपहरण) जोड़ने की अपील अदालत में की. अदालत ने इसे मंजूरी दी. इसके उपरांत धारा 364 भी कांड में जुड़ गया. पलक ने पूछताछ ने बताया कि अशोक को उसने सीवान जिला के मुफस्सिल थाना अंतर्गत विशुनपुरा सरसर गांव के निवासी जयराम यादव के पुत्र अनूप यादव के हवाले किया था. अनूप ने उसके साथ क्या किया इसकी जानकारी उसे नहीं है. पुलिस अनूप की तलाश में जुट गयी थी.
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15 जून, 2020 को अदालत से अनूप के नाम गिरफ्तार वारंट जारी हुआ. अनूप ने अग्रिम जमानत के लिए आसनसोल जिला जज अदालत में अपील की. अपील खारिज हो गयी. लगातार छापेमारी के बाद भी गिरफ्तार नहीं होने पर जांच अधिकारी के अपील पर 25 अगस्त को उसकी चल-अचल संपत्ति कुर्की के लिए अदालत से आदेश जारी हो गया. इसके उपरांत अनूप ने 29 अगस्त, 2020 को अदालत में सरेंडर किया. 30 अगस्त, 2020 को जांच अधिकारी की अपील पर अनूप को 12 दिनों की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया गया. पुलिस अनूप को लेकर अशोक की तलाश और कांड से जुड़े अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सीवान के विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर रही है.
अपहरण के बाद अशोक की हुई हत्या
अशोक अपहरण कांड में जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली है कि पलक ने जिस दिन अशोक को सीवान में अनूप के हवाले किया, उसी दिन उसकी हत्या कर दी गयी. चार चक्का वाहन में उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया और बेहोशी में ही गला घोंट दिया गया. शव को इलाके की दाहा नदी में ठिकाने लगा दिया गया. पुलिस इस जानकारी को प्रमुखता देते हुए अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है, क्योंकि 7 माह तक बिना किसी उद्देश्य के किसी को अपहरण करके रखने का कोई तुक नहीं बन रहा है. हालांकि, अनूप ने पुलिस को बताया कि उसने अशोक को दूसरे किसी व्यक्ति के हवाले किया था. पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है.
व्यक्तिगत दुश्मनी को माना जा रहा है कारण
जानकारी के अनुसार, अशोक की हत्या किसी व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण की गयी है. किसी का भी अपहरण करने के पीछे एक कारण रहता है. अधिकांश मामलों में फिरौती होती है. कुछ मामलों में मानव अंग बेचने की बात सामने आयी है. अंतिम कारण व्यक्तिगत दुश्मनी होती है. अशोक के अपहरण में फिरौती की कोई बात नहीं आयी है. मानव अंग की बात पुलिस मानने से इनकार कर रही है. ऐसे में व्यक्तिगत दुश्मनी ही एकमात्र कारण बच गया है. पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है.
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शव बरामद करना पुलिस के लिए होगी टेढ़ी खीर
पुलिस को जानकरी मिली है कि अशोक की हत्या कर शव को दाहा नदी में ठिकाने लगा दिया गया. ऐसे में अशोक का शव बरामद करना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी. जानकारी के अनुसार, 17 फरवरी, 2020 को नदी में शव फेंका गया था. इस बीच नदी में बाढ़ भी आ चुकी है. ऐसे में शव का मिलना कठिन कार्य है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि 17 फरवरी, 2020 से एक माह के बीच नदी से कोई अज्ञात युवक का शव पोस्टमार्टम के लिए किसी भी थाना से भेजा गया है या नहीं.
कुछ लोगों की गिरफ्तारी के बाद कांड का होगा पर्दाफाश
अशोक कांड में पुलिस कुछ लोगों की तलाश कर रही है. यह सारे लोग यदि पुलिस को मिल जाते हैं, तो कांड की पूरी गुत्थी सुलझ जायेगी. पुलिस हर कड़ी को जोड़ने के प्रयास में जुटी है. अशोक की किसी से क्या व्यक्तिगत दुश्मनी थी कि बात हत्या तक पहुंच गयी. हत्या के जो कारण पुलिस को मिल रहे हैं उसकी भी जांच चल रही है.
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Posted By : Samir Ranjan.