क्लीन सिटी के नाम से मशहूर जमशेदपुर की हवा जहरीली, विशेषज्ञों ने कर दिया अलर्ट

जमशेदपुर की हवा तेजी से प्रदूषित हो रही है. अब यह खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, यहां सामान्य से ढाई गुना ज्यादा धूलकण पाये गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 2, 2022 1:31 PM

जमशेदपुर: स्टील सिटी, क्लीन सिटी और ग्रीन सिटी की पहचान रखने वाले जमशेदपुर की हवा तेजी से प्रदूषित हो रही है. अब यह खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. हवा में प्रदूषण के स्तर से सांस लेना भी खतरनाक बन रहा है. यह सीधे फेफड़े पर असर डाल रहा. अगर गैस के उत्सर्जन की बात की जाये, तो एसओ 2 (सल्फर डाय ऑक्साइड) की मात्रा और एनओएक्स (नाइट्रोजन ऑक्साइड) का मानक 80 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर होना चाहिए, जो अभी जमशेदपुर में अधिकतम 87 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर है, जबकि न्यूनतम 27 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर है.

अगर पीएम 10, जिसको आरएसपीएम (सांस के साथ घुलने वाले कण) की बात की जाये, तो यह सबसे खतरनाक है. इसका मानक 100 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर होना चाहिए, जो 164.66 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, यहां सामान्य से ढाई गुना ज्यादा धूलकण पाये गये हैं. साकची और गोलमुरी सबसे खतरनाक इलाका है. सोनारी सबसे सुरक्षित है. साकची और गोलमुरी में प्रदूषण का स्तर आरएसपीएम 254 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर तक भी चला गया है. बिष्टुपुर में सामान्य से डेढ़ गुणा ज्यादा है.

क्या कहते है एक्सपर्ट

जमशेदपुर जैसे शहर में प्रदूषण को हल्का में लेना जोखिम भरा हो सकता है. एरोसोल जैसी समस्या यहां विकराल रूप लेती जा रही है. झारखंड पहले से ही अत्यधिक जोखिम वाले रेड जोन में हैं. थोड़ी सी भी वृद्धि इसे असुरक्षित बना सकता है.

डॉ अभिजीत चटर्जी, बोस इंस्टीट्यूट में पर्यावरण विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर

जमशेदपुर में प्रदूषण की स्थिति है. आरएसपीएम को कम करने और एयर क्वालिटी को बेहतर करने को लेकर सख्त कदम उठाने की जरूरत है.

जीतेंद्र कुमार सिंह, क्षेत्रीय प्रदूषण

पदाधिकारी, कोल्हान

इसलिए मनाया जाता है प्रदूषण नियंत्रण दिवस

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस को मनाने की शुरुआत दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी भोपाल गैस त्रासदी के बाद हुई थी. 2 दिसंबर 1984 की रात भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड कंपनी की फैक्ट्री से जानलेवा जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव हुआ था. इस घटना के कारण भोपाल में हजारों लोग मारे गये थे.

101 से 200 के बीच एक्यूआइ है संतोषजनक

अगर किसी भी क्षेत्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स 101 से 200 के बीच है, तो यह मध्यम दर्जे की वायु शुद्धता है. एक्यूआइ की रेटिंग को 6 श्रेणी में बांटा गया है. 0 से 50 के बीच एक्यूआइ का मतलब वायु शुद्ध है. 51 से 100 के बीच एक्यूआइ का मतलब है कि वायु शुद्धता संतोषजनक है. 101 से 200 के बीच वायु शुद्धता मध्यम श्रेणी के हैं. 201 से 300 के बीच वायु खराब है. एक्यूआइ 301 से 400 के बीच वायु बेहद खराब है. एक्यूआइ 401 से 500 के बीच होने का मतलब है कि वायु प्रदूषण गंभीर स्थिति में है.

मानगो में भी एयर क्वालिटी ठीक नहीं

22 नवंबर मंगलवार को मानगो का एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 190 रहा. यहां की एयर क्वालिटी सामान्य स्थिति में है, जबकि पीएम 2.5 का लेवल 87 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर है. इसे 60 एमजीसीएम होना चाहिए. पीएम 10 की मात्रा भी अधिक है. पीएम 10 का स्तर 218 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर है. इसे 100 होना चाहिए. कार्बन डाइऑक्साइड भी 1435 है. नाइट्रोजन 502 है.

जुगसलाई में भी स्थिति खतरनाक

जुगसलाई में भी नगर परिषद की ओर से एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित की गयी है. जुगसलाई नगर परिषद के कुंवर सिंह चौक पर लगाये गये इस बोर्ड में एक दिसंबर तक एयर क्वालिटी इंडेक्स सुबह 11 बजे 314 तक देखा गया. वहीं, पीएम 2.5 की स्थिति 137.3 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर और पीएम 10 की स्थिति 270.33 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर पाया गया. यह भी मानक से सबसे ज्यादा है.

यहां होती है प्रदूषण की जांच

जमशेदपुर में गोलमुरी टिनप्लेट चौक के पास, बिष्टुपुर गोपाल मैदान के पास, आदित्यपुर प्रदूषण नियंत्रण पर्षद कार्यालय के ऊपर और पश्चिम सिंहभूम जिले के बड़ाजामदा एरिया में प्रदूषण की जांच की जाती है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन जगहों से कोल्हान के प्रदूषण पर नजर रखता है.

रिपोर्ट- ब्रजेश सिंह

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