जमशेदपुर. रोमन कैथोलिक ईसाई समाज ने शनिवार को ऑल सॉल्स डे के अवसर पर कब्रिस्तान जाकर अपने पूर्वजों को याद किया. लोग उनकी कब्रों पर कैंडल जलाकर प्रार्थना की. इस मौके पर कब्रिस्तानों की सफाई के साथ विशेष सजावट की गयी थी. बिष्टुपुर स्थित बेल्डीह कब्रिस्तान, भुइयांडीह के बाबूडीह कब्रिस्तान और परसुडीह जसकंडी कब्रिस्तान में मसीही समुदाय के लोगों ने अपने मृत परिजनों को याद किया. उनकी कब्रों को फूल चढ़ाने के साथ मोमबत्तियां जलायी. डबडबाती आंखों ने नजदीकियों के बिछड़ने का दर्द बयां किया. हर साल दो नवंबर को मसीही समाज ऑल सॉल्स डे मनाता है. कैथोलिक और प्रोटेस्टियन मसीही शाम होते ही परिजनों की कब्र पर पहुंचे. उन्हें रंग-बिरंगे फूलों से सजाया और आसपास अगरबत्ती जलायी. इससे पहले गिरजाघरों में, फिर कब्रिस्तान में प्रार्थना हुई. परिजनों ने अपने पूर्वजों के साथ ही जीवित लोगों के लिए प्रभु से आशीर्वाद मांगा. कब्रिस्तानों में देर रात तक लोगों का लगा रहा तांता : ऑल सॉल्स डे के अवसर पर बेल्डीह स्थित चर्च स्कूल से सटे कब्रिस्तान के आसपास मेला जैसा नजारा रहा. फूल, मोमबत्ती, अगरबत्ती बेचने वालों की दुकानों के साथ चाट-पकौड़ी, गुब्बारे आदि बेचने वाले भी पहुंच गये थे. इस बार यहां का नजारा कुछ अलग दिखा. शहर में कैथोलिक ईसाइयों की अच्छी-खासी तादाद है. इसमें ज्यादातर लोग बिष्टुपुर स्थित बेल्डीह कब्रिस्तान जाते हैं, जबकि टेल्को-बिरसानगर आदि के लोग बाबूडीह और जुगसलाई, परसुडीह, करनडीह आदि इलाके के मसीही जसकनडीह कब्रिस्तान जाते हैं. इस बार भी ऐसा ही हुआ. शाम को कैथोलिक समुदाय के मसीही गिरजाघर जाकर कलीसिया में मृतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. कैथोलिक और ऑर्थोडाॅक्स ईसाई धर्मावालंबियों का यह प्रमुख त्योहार है. अन्य कैथोलिक के अलावा मसीही समाज यह उत्सव ईस्टर संडे को मनाते हैं. इसमें लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं, उनके अच्छे कार्यों को याद करते हैं.
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