अल्लाह और उसके नबी ने दिया हजरत उमर को फारूक का लकब
आजादनगर में मदरसा दारुस सलाम में नया इस्लामी वर्ष व उमर फारूक का शहादत दिवस मना
प्रमुख संवाददाता, जमशेदपुर
आजादनगर स्थित मदरसा दारुस सलाम प्रांगण में इस्लामी हिजरी पर इस्लाम धर्म के दूसरे खलीफा हजरत उमर फारूक का जन्म दिवस मनाया गया. कार्यक्रम का आगाज छात्र महताब आलम के कुरान पाठ से हुआ. छात्र गुलाम अहमद ने नात प्रस्तुत किया. मदरसा के प्रधानाध्यापक ने अपने वक्तव्य में कहा कि खलीफा दोम (दूसरे) हजरत उमर कई विशेषताओं के व्यक्तित्व थे. अल्लाह और उसके नबी की ओर से हजरत उमर को फारूक का लकब मिला, जिसका अर्थ फर्क करने वाला है. हजरत उमर इस्लाम कबूल करने वाले 40वें मुसलमान थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ नूरजमां खान ने कहा कि हजरत उमर अपने खिलाफत के युग में आधी दुनिया पर इस्लामी शासन कायम किया था. हजरत उमर न्याय के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं. उनके शासन काल में उन्हें दुनिया के इतिहास में एकाकी विजयी व न्यायप्रिय शासक बना दिया. इस अवसर पर हजरत उमर को खिराज पेश किया गया. सलतो सलाम व दुआओं के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ.इस अवसर पर मौलाना बशीर फैजी, मौलाना हामिद रजा, हाफिज सैफुज्जमां, हाफिज नसीम, मास्टर गालिब असलम, कारी मेराज नूमानी, सचिव मतलूब अनवर खान, हाजी अबुल कलाम आजाद सहित अन्य सदस्य गण व छात्र उपस्थित थे.
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