घाटशिला: एक ही कमरे में चलते हैं आंगनबाड़ी व अस्पताल, बच्चों के संक्रमित होने का खतरा
खड़ियाकॉलोनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) नौ साल से पुतड़ू आंगनबाड़ी केंद्र में चल रहा है.
गालूडीह. घाटशिला प्रखंड की बड़ाकुर्शी पंचायत स्थित खड़ियाकॉलोनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) बीते नौ साल से पुतड़ू आंगनबाड़ी केंद्र में चल रहा है. एक कमरा में अस्पताल और आंगनबाड़ी दोनों चलते हैं. ऐसे में बीमार लोगों के आने से बच्चों में संक्रमण फैलने का डर रहता है. बच्चों को बीमारियों की चपेट में आने का खतरा रहता है. दरअसल, पीएचसी का अपना भवन नहीं है. पूर्व में पुतड़ू निवासी हरमोहन महतो के खपरैल के घर में किराये पर अस्पताल चलता था. उसे भाड़ा नहीं मिला, तो खाली करा दिया. इसके बाद पुतड़ू आंगनबाड़ी में अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया. पुतड़ू आंगनबाड़ी केंद्र का भवन जर्जर है. इस कारण डॉक्टर-मरीज और आंगनबाड़ी के बच्चे परेशान हो रहे हैं. इसपर प्रशासन का ध्यान नहीं है.
पीएचसी में चिकित्सक नहीं बैठते, एएनएम के भरोसे अस्पताल
आंगनबाड़ी के एक कोने पर टेबुल-कुर्सी लगी है, जहां चिकित्सक को बैठना है. एक रैक और बक्शा है, जिसमें दवाइयां रहती हैं. पीएचसी में चिकित्सक नहीं बैठते हैं. गाहे-बगाहे आते हैं. एएनएम शिखा सामंत के भरोसे पीएचसी चल रहा है. वह भी वैक्सीन के लिए गांवों में जाती हैं. पीएचसी में कोई नहीं रहता. मरीज आकर लौट जाते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि कई माह से चिकित्सक नहीं आये हैं. मरीज निजी क्लीनिक में इलाज कराने को विवश हैं. यहां डॉ शिप्रा पदस्थापित हैं, पर वह नहीं आती हैं.
आंगनबाड़ी में 26 बच्चे, जान जोखिम में डाल बैठते हैं
पुतड़ू आंगनबाड़ी केंद्र का भवन वर्षो से जर्जर है. भवन का प्लास्टर झड़ने लगा है. बच्चे जान जोखिम में डालकर बैठते हैं. वहीं, पोषाहार ग्रहण करते हैं. यहां कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. आंगनबाड़ी में कुल 26 बच्चे नामांकित हैं. सेविका दिपाली सिंह ने कहा कि आंगनबाड़ी में अस्पताल चलने से अक्सर मरीज आते हैं. बच्चों में संक्रमण का डर रहता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है