एडीजे-4 कोर्ट ने मंगलवार को साकची श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे की हत्या मामले में गैंगस्टर अखिलेश सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. मंगलवार को गैंगस्टर अखिलेश सिंह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दुमका जेल से कोर्ट में पेश किया गया. अपराधियों ने 16 साल पूर्व 2 नवंबर 2007 को साकची आमबागान के पास गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी. गोली उस मारी गयी थी, जब वह घर से दुकान पैदल जा रहे थे.
इस मामले में श्रीलेदर्स के कर्मचारी तापस पाल के बयान पर साकची थाना में मामला दर्ज किया गया था. हत्याकांड में गैंगस्टर अखिलेश सिंह, विक्रम शर्मा, गैंगस्टर के भाई अमलेश सिंह व विनोद सिंह को आरोपी बनाया गया था. अमलेश व विनोद को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में दोनों को बरी कर दिया गया था. वहीं एडीजे-4 कोर्ट ने तीसरे आरोपी विक्रम शर्मा को बरी कर दिया था. आशीष डे हत्याकांड में अनुसंधान पदाधिकारी समेत 16 लोगों ने गवाही दी थी. 16 साल में पुलिस अखिलेश के खिलाफ ठोस सबूत नहीं जुटा सकी. इसका फायदा आरोपी गैंगस्टर को मिला और वह हत्याकांड से बरी हो गया.
आशीष डे हत्याकांड में पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आयी थी कि शहर में वर्चस्व, साकची क्षेत्र में जमीन (प्रॉपर्टी) व रंगदारी के लिए हत्या को अंजाम दिया गया. घटना के समय गैंगस्टर अखिलेश सिंह का नाम सुर्खियों में था. हत्याकांड में पुलिस ने गैंगस्टर को ही केंद्र बनाकर जांच को आगे बढ़ाया था, लेकिन पुलिस गैंगस्टर को साजिशकर्ता साबित नहीं कर सकी.