एमजीएम अस्पताल में मनोरोग विभाग में मरीजों को नशा से होने वाले नुकसान के प्रति किया गया जागरूक
नशा बना देता है मनोरोगी : डॉ केशव
वरीय संवाददाता, जमशेदपुर
अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर बुधवार को एमजीएम अस्पताल के मनोरोग विभाग के ओपीडी में जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया.कार्यक्रम के तहत ओपीडी में आये मरीजों व उनके परिजनों को नशा से होने वाली बीमारी व नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी. मनोरोग विभाग के एचओडी डॉ केशव ने लोगों को बताया कि कई प्रकार का नशा होता है. गंजा, शराब, सिगरेट, ब्राउन शुगर सहित अन्य नशा से नुकसान ही होता है. इसके सेवन से शरीर के अन्य बीमारी के साथ मनोरोगी भी बन जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सप्ताह में तीन से चार ऐसे मरीज, जो नशा के कारण मनोरोगी हुए हैं वे इलाज कराने के लिए ओपीडी में आ रहे हैं. इसमें गांजा व ब्राउन शुगर का नशा करने वाला मरीज अधिक हैं. इसमें कई को दवा दिया जाता है, वहीं जिनकी स्थिति गंभीर होती है, उनको रांची भेज दिया जाता है. उन्होंने कहा कि हर प्रकार के नशे की लत से ग्रसित होना एक मनोरोग है, जो अन्य बीमारियों की तरह ही है. कोई भी व्यक्ति नशा समूह के दबाव या स्वयं की उत्सुकतावश शुरू करता है, लेकिन यही दबाव या उत्सुकता नशे की लत की ओर धकेल देती है. समय के साथ नशे की शारीरिक एवं मानसिक निर्भरता बढ़ती जाती है. जब कोई भी नशीला पदार्थ शरीर में जाता है, तो इसके परिणाम स्वरूप कई बदलाव होते हैं. इससे व्यक्ति को अलग अनुभूति होती है. ऐसा करते-करते वह शारीरिक व मानसिक रूप से नशे की लत लग जाती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है