जमशेदपुर : अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण के बाद 22 जनवरी को इसकी प्राण प्रतिष्ठा है. मंदिर निर्माण में तीन साल, नौ माह, तीन सप्ताह और पांच दिन लगा. निर्माण कार्य में मुख्य कंसल्टेंट और निर्माण कार्य टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड (टीसीइ) को दिया गया था. टीसीइ के इंजीनियर्स रात दिन मेहनत के बाद करीब एक हजार साल तक बिना किसी रिपेयरिंग करने लायक का राम मंदिर तैयार किया है. इस कार्य में जमशेदपुर से टीसीइ के करीब 12 इंजीनियरों को इस काम में लगाया गया था. वे लोग वहीं पर कैंप कर लगातार तीन साल तक रहकर काम किया और कराया.
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट की भूमिका टीसीइ ने निभायी है, इसमें निर्माण कार्य के साथ मैटेरियल की खरीदारी और मैनपावर की सप्लाइ भी शामिल थी. टीसीइ वैसे तो देश के अलावा विदेशों में भी कई निर्माण कर चुके हैं, लेकिन टीसीइ ने इस मंदिर को तैयार कर भारत में इतिहास रचा है. टीसीइ कंपनी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुणे और जमशेदपुर से इंजीनियरों को इस काम में लगाया गया था, जिसमें जमशेदपुर के 12 इंजीनियर थे. गौरतलब है कि टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स का ऑफिस जमशेदपुर के साकची स्थित रवींद्र भवन के बगल में अवस्थित थे.
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यह ग्रीन बिल्डिंग तैयार की गयी है, जो शहर का पहला ग्रीन बिल्डिंग है, जहां से कई ऐतिहासिक स्ट्रक्चर तैयार किया जाता है. इसके अलावा मुंबई और पुणे से पूरा कंपनी संचालित होती है. कंपनी की प्रवक्ता अल्पना सिंह ने बताया कि टीसीइ ने अपनी भूमिका मंदिर के निर्माण कार्य में निभाया है. जो दायित्व दिया गया था, उसको पूरा किया है. इसमें मुंबई, पुणे के साथ साथ जमशेदपुर से भी इंजीनियर जरूर लगे थे.