फोटो– दशमत
जमशेदपुर.
बालीगुमा गोड़गोड़ा दिशोम जाहेरगाढ़ में रविवार को बाहा मिलन समारोह मनाया गया. इसका आयोजन दिशोम जाहेर समिति गोड़गोड़ा बालीगुमा के द्वारा किया गया. बाहा मिलन के दौरान आदिवासियों के इतिहास, जीवन सभ्यता की उत्पत्ति एवं ऐतिहासिक सामाजिक घटनाओं को झांकियां द्वारा प्रदर्शित किया गया. इसके माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया कि इनका जीवन स्वाभाविक संस्कृति, गाने, नृत्य और कला से परिपूर्ण है. मौके पर बतौर मुख्य अतिथि धाड़ दिशोम देश परगना बैजू मुर्मू एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में महावीर मुर्मू, कुमार चंद्र मार्डी, सुरेंद्र टुडू, सुखलाल हांसदा व संखी हांसदा मौजूद थे. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अपने समाज व संस्कृति से प्रेम करें. पूर्वजों से समाज संचालन के लिए काफी साेच विचार करने के बाद कई नियमावली को बनाया है. उनका सम्मान करें व उनके उद्देश्यों को जानने का प्रयत्न करें. आदिवासी समाज आज तेजी से समृद्ध व विकसित हो रहा है. हर क्षेत्र में समाज के लोग काबिज हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षा के स्तर को दुरुस्त करना है. इसके लिए तमाम स्वशासन व्यवस्था के प्रमुखों को आगे बढ़कर अपनी भागीदारी को सुनिश्चित करना होगा. कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष फतेहचंद टुडू, सचिव मदन मोहन सोरेन, सुकलाल टुडू,सनातन टुडू, पप्पू सोरेन,सिंगराई सोरेन, राजेश सोरेन आदि ने योगदान दिया.नृत्य दलों ने बाहा प्रस्तुत किया
दिशाेम बाहा मिलन समारोह में मरांगबुरु बाहा रुसिका क्लब बनामघुटू, दलदली के अलावा सरना ग्रुप कुमरूम, संयुक्त वन अधिकार समिति गोड़गोड़ा व बालीगुमा के बाहा नृत्य मंडलियों द्वारा बाहा नृत्य प्रस्तुत किया गया. समारोह में सैकड़ों की संख्या में सरना धर्मावलंबी शामिल हुए. शाम में पारंपरिक गीत-संगीत कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.