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हाथियों को रोकने के लिए चाकुलिया और आसपास के इलाके में पाले जायेंगे मधुमक्खी

पूर्वी सिंहभूम जिले में हाथियों और मानव के बीच हो रहे टकराव को रोकने के लिए वन विभाग की ओर से नयी पहल की गयी है. डीएफओ जमशेदपुर सबा आलम अंसारी ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है और इसको धरातल पर उतारा जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | September 3, 2024 9:09 PM

ग्रामीणों की मदद से तैयार होगा चाकुलिया शहद

जमशेदपुर :

पूर्वी सिंहभूम जिले में हाथियों और मानव के बीच हो रहे टकराव को रोकने के लिए वन विभाग की ओर से नयी पहल की गयी है. डीएफओ जमशेदपुर सबा आलम अंसारी ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है और इसको धरातल पर उतारा जायेगा. इसके तहत चाकुलिया और धालभूमगढ़ समेत आसपास के इलाके में मधुमक्खी पालन के लिए स्थानीय लोगों को जागरूक किया जायेगा. इसके दो उद्देश्य हैं. पहला तो हाथियों को खदेड़ना, क्योंकि हाथी उस एरिया में कम जाते हैं, जहां मधुमक्खियां होती है. मधुमक्खियां हाथियों को परेशान करती है. इस कारण हाथी मधुमक्खी वाले इलाके में नहीं आते. वहीं, इसके जरिये स्वरोजगार के साधन भी उपलब्ध हो सकेगा. इसके जरिये चाकुलिया शहद एक अलग ब्रांड तैयार किया जायेगा, जिसकी मार्केटिंग भी की जायेगी, ताकि लोगों को बेहतर बाजार मिल सके.

हनी प्रोसेसिंग यूनिट भी लगेगी

मधुमक्खी पालन और शहद के उत्पादन के लिए परियोजना तैयार की जायेगी. इसके लिए हनी प्रोसेसिंग यूनिट भी लगेगी, जबकि हनी टेस्टिंग लैब की भी स्थापना की जायेगी. इसको लेकर वन विभाग द्वारा वनोपज उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही हाथियों के लायक बांस की भी खेती की गयी है, ताकि हाथियों को खाने का सामान भी उपलब्ध हो और वह गांवों की ओर रूख ना कर सके. इसके बारे में जानकारी देते हुए जमशेदपुर के डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि मधुमक्खी पालन के बाद हाथियों को कंट्रोल किया जा सकेगा. वहीं, स्वरोजगार के साधन भी आसानी से उपलब्ध हो सकेगा. इस योजना के तहत ग्रामीणों के शहद की ब्रांडिंग भी की जायेगी.

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