Saag Benefits in Winter: सर्दियों में साग खाने के कई फायदे हैं. साग की तासीर काफी गर्म होती है. साग में विटामिन, मिनरल, फाइबर और प्रोटीन प्रचूर मात्रा में पाये जाते हैं. जबकि कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है. मोटापा से ग्रस्त लोगों के लिए यह रामबाण का काम करता है. झारखंड में करीब 70 प्रकार के साग पाये जाते हैं. सबके अलग-अलग गुण होते हैं, जो विभिन्न बीमारियों से हमें बचाते हैं. बाजार में इन दिनों साग आसानी से उपलब्ध हैं. इन्हें खाकर हम बीमारियों को दूर रख सकते हैं. प्रस्तुत है लाइफ@जमशेदपुर के लिए रीमा डे की रिपोर्ट.
कुछ शर्तों के आधार पर साग और फल दोनों ही खा सकते है. डायबिटिक और हार्ट के मरीज डॉक्टरी सलाह पर साग खा सकते हैं. आमतौर पर साग और फलों में फाइबर होता है, जो कैंसर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हॉर्ट की बीमारी से बचाता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. मैटेलिक वॉल्व रिप्लेसमेंट का ऑपरेशन कराने वाले मरीजों को साग नहीं खाने की सलाह दी जाती है. कब्ज की समस्या वाले मरीज को साग जरूर खाना चाहिए. साग के सेवन से कब्ज की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है.
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साग पकाते समय ध्यान रखना चाहिए कि इसकी पौष्टिकता नष्ट न हो. सरसों साग एक किलो, पालक आधा किलो और बथुआ साग 250 ग्राम लें. साग बनाने के पहले इसे अच्छी तरह धोयें. इसे कुकर में डालें. टेस्ट बढ़ाने के लिए इसमें गाजर और टमाटर, स्वादानुसार नमक डाल कर 8-10सीटी लगायें. इसके बाद इसे दाल घोटनी से घोट लें. अब इसमें धीरे-धीरे मकई का आटा डाल कर भूनते रहें. एक कढ़ाई में बटर डालें. उसमें प्याज, टमाटर, लहसुन, अदरक और हरी मिर्च डालकर हल्का भून लें. इसके बाद उबला हुआ साग डाल दें और भूनें. फ्रेश क्रीम डाल दें. इसे आप दस दिन तक रख कर खा सकते हैं. इससे खून की कमी दूर होती है.
साग खाने से मोटापा कम होता है. पेट काफी समय तक भरा रहता है. लाग साग में मौजूद अमीनो एसिड्स,आयरन, मैग्नीशियम और फास्फोरस हमारी इम्यूनिटी बूस्ट कर कैंसर सेल से लड़ने में मदद करते हैं. कीमो थेरेपी में बॉडी के सेल्स (कोशिकाएं) मर जाते हैं. सेल्स को दोबारा बनाने के लिए शरीर को पौष्टिक भोजन की जरूरत होती है. ऐसे में हरी सब्जियां, फल, सकारात्मक सोच और नियमित योग-व्यायाम से कैंसर से लड़ा जा सकता है.
पोई साग में कैल्शियम, आयरन और फाइबर जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं. जिन लोगों के शरीर में आयरन की कमी है, उनको इसका सेवन जरूर करना चाहिए. इसमें मौजूद मैग्निश्यिम और कैल्शियम हड्डियों के लिए फायदेमंद है. इसका फाइबर पाचन तंत्र के लिए काफी अच्छा होता है.
बाराद्वारी सब्जी मंडी में सालों भर साग बेचने वाली शांति देवी बताती हैं कि जब वो गया में थीं, तब भी वहां साग बेचती थीं. शहर आने के बाद 30 वर्षों से वह सब्जी बेच रही हैं. वे बताती हैं कि कई तरह की बीमारी से ग्रसित लोग, जिन्हें डॉक्टर साग खाने की सलाह देते हैं, उन्हें साग नहीं मिलता था. इसलिए वह तरह-तरह का साग ही बेचती हैं. पूरे साल 9-10 और सर्दियों में वह 10-12 किस्म के साग बेचती हैं. आज कलमी, सरसों, लाल भाजी, हरी चौलाई, पोई, मेथी, पालक, प्याज, धनिया बेचने के लिए लायी हैं.
शिवचरण यादव और संगीता यादव आदर्शनगर सोनारी में पालक, लाल साग और सरसों साग की खेती करते हैं. इसके लिए उन्होंने किराये पर जमीन ली है. सिंचाई के लिए पंप सेट लगाया है. साग की रखवाली के लिए परिवार के साथ वहीं रहते भी हैं. शिवचरण ने बताया कि गोभी, मूली आदि चोरी हो जाते हैं. इसलिए उन्होंने साग उगाने का फैसला लिया. वे पालक 15 रुपये, लाल साग 12 रुपये, सरसों साग पांच रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से थोक में बेचते हैं.
साग खाने से मासिक धर्म के समय पेट में ऐंठन नहीं होती है. मासिक धर्म से गुजर रही कम उम्र की बच्चियों को साग जरूर खिलायें. डिलीवरी के बाद महिलाओं को चिकित्सकीय सलाह पर साग खाना चाहिए. चौलाई साग के सेवन से दूध की कमी पूरी होती है. पेशाब में जलन की समस्या व रक्त की कमी दूर होती है. गर्भावस्था के दौरान लाल भाजी के सेवन से गर्भ में पल रहे बच्चे की स्मरण शक्ति तेज होती है.
चौलाई में लाइसिन और अमीनो एसिड होता है. इसके नियमित सेवन से बाल काले बने रहते है. चौलाई का ताजा रस सुबह-शाम पीने से बाल का गिरना रुक जाता है. साग में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को नष्ट करने में मदद करते हैं. साग उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में भी मदद करता है और त्वचा को जवां रखता है. नीम की पत्ती खाने से मुहांसे नहीं होते. खून साफ होता है.
शुगर के मरीजों के लिए साग रामबाण होता है. साग में लो कैलोरी होती है. सरसों के साग में बीटा कैरोटीन पाया जाता है, जो मधुमेह कम करने में मदद करता है. सरसों का साग कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम करने में सहायक है. मेथी का साग खून में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित रखता है.
सरसों के साग से गैस की समस्या होती है. साथ ही जिन्हें जोड़ों का दर्द है, उन्हें सरसों का साग कम खाना चाहिए. बथुआ का साग बेहद लाभकारी है. चना और बथुआ साग सभी उम्र के लोग खा सकते हैं. यह पेट साफ करने में मदद करता है.
रिपोर्ट : रीमा डे, जमशेदपुर