पूर्वी सिंहभूम में हलुदबनी ग्रामसभा का बड़ा फैसला : आदिवासी बहुल गांव में किसी और समाज के लिए जगह नहीं
हलुदबानी ग्राम सभा ने स्पष्ट कहा कि आदिवासी समाज की अपनी स्वशासन व्यवस्था है. अगर गांव में अन्य समाज और समुदाय के लोग बसेंगे, तो इससे उनकी सामाजिक, सांस्कृतिक, पूजन पद्धति व रीति-रिवाजों पर असर पड़ सकता है.
पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय जमशेदपुर के परसुडीह क्षेत्र के तिलकागढ़ फुटबॉल मैदान में हलुदबनी ग्रामसभा के आह्वान पर पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी की देखरेख में विभिन्न टोलों की एक बैठक हुई. इसमें विभिन्न टोलों के माझी बाबा व ग्रामवासी शामिल हुए. बैठक में हलुदबनी ग्रामसभा ने स्थानीय समस्याओं पर विचार-विमर्श किया. निर्णय लिया गया कि आदिवासी बहुल गांव में गैर आदिवासियों का रहना-बसना पूरी तरह से वर्जित रहेगा.
हलुदबानी ग्राम सभा ने रोक की बतायी वजह
हलुदबानी ग्राम सभा ने इसकी वजह भी बतायी. स्पष्ट किया कि आदिवासी समाज की अपनी स्वशासन व्यवस्था है. अगर गांव में अन्य समाज और समुदाय के लोग बसेंगे, तो इससे उनकी सामाजिक, सांस्कृतिक, पूजन पद्धति व रीति-रिवाजों पर असर पड़ सकता है. बाहरी आबादी के प्रवेश से गांव के पूजा स्थल, श्मशान घाट, सांस्कृतिक स्थल, अखड़ा, गोचर जमीन आदि भी असुरक्षित हो जायेंगे.
-
गांव में दूसरे समाज व समुदाय के बसने से स्वशासन व्यवस्था, सामाजिक, सांस्कृतिक, पूजन पद्धति व रीति-रिवाज हो पर पड़ सकता है असर
-
तिलकागढ़ में आदिवासियों की श्मशान घाट की जमीन पर अतिक्रमण किये जाने की वजह से ग्रामसभा ने उठाया सख्त कदम
श्मशान घाट की जमीन पर अतिक्रमण से बढ़ी नाराजगी
पिछले दिनों तिलकागढ़ में स्थित श्मशान घाट की जमीन पर गैर आदिवासियों के द्वारा मकान बनाने का मामला प्रकाश में आया था. जिसके बाद हलुदबनी के ग्रामवासियों ने अपने सामाजिक अस्तित्व की रक्षा के लिए यह कदम उठाया है.
आदिवासी बहुल क्षेत्र में ग्रामसभा का निर्णय सर्वमान्य : कृष्णा मार्डी
पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी ने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्र में ग्रामसभा का निर्णय सर्वमान्य है. ग्रामसभा को अंधेरे में रखकर कोई भी निर्माण कार्य को करना गलत है. सार्वजनिक जमीन पर जिसने भी अवैध तरीके से मकान बनाया है, उसे अविलंब हटा देना चाहिए.
ग्रामसभा की अनुमति के बिना बहुमंजिला मकान बनाने पर भी रोक
ग्रामसभा की अनुमति के बगैर ग्रामीण इलाकों में फ्लैट व बहुमंजिला मकान आदि बनाना भी वर्जित है. जल्द ही हलुदबनी ग्रामसभा की ओर से आदिवासी बहुल क्षेत्र की जमीन को सुरक्षित करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल जिला प्रशासन व स्थानीय पुलिस प्रशासन को मांग पत्र सौंपेगा.
बैठक में शामिल हुए 200 ग्रामीण
ग्रामसभा में रमसाई सोरेन, माझी बाबा मुनीराम मार्डी, माझी बाबा लखन हांसदा, माझी बाबा युवराज टुडू, रामचंद्र टुडू, सुकू हेंब्रम, घासीराम मुर्मू, गोपाल मुर्मू समेत करीब 200 ग्रामवासी शामिल हुए.
Also Read: झारखंड आदिवासी महोत्सव में मिलेंगे पारंपरिक आभूषण, बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान में जुटेंगे धरती पुत्र
ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लैट निर्माण के विरोध में सड़क पर पुरीहासा ग्रामसभा
दूसरी तरफ, ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से बनाये जा रहे फ्लैट के विरोध में पुरीहासा ग्रामसभा ने सड़क पर उतरकर विरोध जताया. विरोध में निकाली गयी रैली में पुरीहासा, सुंदरनगर, नीलडुंगरी व जोंड्रागोड़ा सहित 23 टोलों की महिलाएं, पुरुष व बच्चे शामिल हुए. सभी अपने हाथों में तख्ती व बैनर लिये हुए थे. रैली के दौरान लोगों ने बिल्डरों व जिला प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की. रैली की अगुवाई पुरीहासा ग्रामसभा के माझी बाबा भोक्ता हांसदा ने की.
माझी बाबा ने जिला प्रशासन पर लगाये गंभीर आरोप
माझी बाबा ने कहा कि जिला प्रशासन पूंजीपति व बिल्डरों के साथ मिलीभगत कर बहुमंजिला फ्लैट का निर्माण करवा रहा है. कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है. उन्होंने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिला पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यहां गांव में पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था लागू है. ग्रामसभा सर्वोपरि है. फ्लैट संस्कृति से आदिवासियों की भाषा संस्कृति और परंपरा विलुप्त होने के कगार पर पहुंच जायेगी. ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत, अनावश्यक गंदगी सहित कई समस्याएं पैदा हो रही हैं. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. ग्रामसभा ने आगे भी आंदोलन जारी रखने की घोषणा की.