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जमशेदपुर प्रमंडल के 1500 व्यापारियों को बड़ी राहत, अब चार साल का आइटीसी हासिल करेंगे

जीएसटी में निबंधन के लिए अब बायोमेट्रिक विधि से पड़ेगा गुजरना, अपील के प्रावधान में सुधार जरूरी : राजीव अग्रवाल

By Prabhat Khabar News Desk | June 23, 2024 6:55 PM

प्रमुख संवाददाता, जमशेदपुर

वित्तीय वर्ष 2017-18, 18-19, 19-20 और 20-21 के लिए 30-11-2021 तक दायर सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16 (4) के तहत किसी भी चालान या डेबिट नोट के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने की समय सीमा 2011 से 2021 मानी जायेगी. एक जुलाई 2017 से पूर्वव्यापी रूप से समान आवश्यक संशोधन के लिए जीएससटी काउंसिल ने इसकी सिफारिश कर दी है. इस दौरान किसी से भी ब्याज-पैनाल्टी के लिए जितने भी टैक्स नोटिस भेजी गयी है, उन्हें माफ कर दिया जायेगा. इसका लाभ वैसे मामलों में ही मिलेगा, जिनके खिलाफ कोई फ्रॉड-चोरी का मामला कोर्ट में नहीं लंबित हो या फिर जिन्होंंने कोई गड़बड़ी जानबूझ कर की हो.जीएसटी काउंसिल की इस सिफारिस से जमशेदपुर वाणिज्य कर प्रमंडल के 1500 से अधिक मामलों का निष्पादन हो जायेगा. 2017-18 से 2021-2022 रिटर्न दाखिल करने के लिए सीमा 30 अप्रैल से बढ़ा कर 30 नवंबर कर दी गयी है. नयी सरकार के गठन के बाद जीएसटी परिषद की पहली बैठक को जमशेदपुर कॉमर्शियल बार एसोसिएशन के सदस्यों ने डीलर-व्यापारी फेवरेवल बताया.

सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष सह अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने बताया कि पहले पैन-आधार जमा कराने और कार्यालय का सिर्फ भौतिक सत्यापन कर लिए जाने के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाता था. इसका लाभ उठाकर काफी लोगों ने विभाग के साथ करोड़ों रुपये का फ्रॉड किया, जिसके बाद इसे रोकते हुए बायोमेट्रिक को अनिवार्य कर दिया गया है. नये प्रस्ताव के तहत अब अपील को एडमिट करने के लिए 10 प्रतिशत की टैक्स राशि को जमा करना अनिवार्य नहीं होगा. इसमें कुछ कमी के संकेत दिये गये हैं. जीएसटीआर 1 ए क हर माह की 11 तारीख को जमा करना होगा. इसके बाद अंतिम जीएसटीआर करने के पहले यदि कोई गलती हो गयी हो, तो नये फॉर्म भर कर देना पड़ेगा. कंपोजिशन टैक्स जमा करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल से बढ़ाकर 30 जून कर दी गयी है.कॉमर्शियल टैक्स बार एसोसिएशन के अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने बताया कि ट्रिब्यूनल में अपील करने की समयावधि को एक माह से बढ़ाकर तीन माह किये जाने की अनुशंसा काफी बड़ा कदम है. जीएसटी काउंसिल का यह कहना कि 20 लाख के मामले में स्थानीय स्तर पर अपील करना, एक करोड़ के मामले में सीधे हाइकोर्ट और उससे अधिक के मामले में अपील के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट जाना, यह उचित-न्याय व तर्क संगत नहीं प्रतीत हो रहा है. इसके लिए सिंहभूम चेंबर एक पत्र केंद्रीय वित्तमंत्री को लिखा, ताकि इसमें समय रहते सुधार लाया जाये.

——आइटीसी फ्रॉड को रोकने के लिए रजिस्ट्रेशन के दौरान बायोमेट्रिक प्रक्रिया को अनिवार्य कर सटीक कदम उठाया है. कुछ मुद्दों पर व्यापारियों को आपत्तियां हैं, जिनको लेकर जल्द पत्राचार कर सहूलियत प्रदान करने की मांग की जायेगी.

राजीव अग्रवाल, उपाध्यक्ष (फोटो है)सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स

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