Jharkhand News: बीजेपी नेता अभय सिंह को झारखंड हाईकोर्ट के बाद जमशेदपुर कोर्ट ने राहत दी है. लेकिन, दो मामले में जमानत मिलने के बाद अब भी जेल से बाहर नहीं निकल पायेंगे. सोमवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने जुगसलाई केस में जमानत दी. इसके साथ ही अभय सिंह के जेल से बाहर निकलने का रास्ता अब साफ हो गया था. इसको लेकर उनके समर्थकों का जुटान घाघीडीह जेल के बाहर होने लगा था. घाघीडीह जेल के बाहर और काशीडीह में उनके समर्थकों द्वारा पटाखे भी फोड़े जा रहे थे. वहीं, जेल से निकलने की कागजी कार्यवाही चल रही थी. लेकिन, इसी बीच मानगो के एक लंबित मामले में पुलिस द्वारा प्रोडक्शन लेने के कारण समर्थकों में मायूसी छा गयी. फिलहाल, अभय सिंह घाघीडीह जेल में ही रहेंगे. इस मामले में भी उन्हें जमानत लेनी होगी. उसके बाद ही वो जेल से बाहर निकल पायेंगे. बता दें कि पिछले दिनों जमशेदपुर स्थित शास्त्रीनगर में दंगा भड़काने के मामले में आरोपी अभय सिंह समेत अन्य को झारखंड हाईकार्ट ने जमानत दी थी, लेकिन जुगसलाई थाने में दर्ज मामले में जमानत नहीं मिलने पर जेल से बाहर नहीं निकल पाये.
जुगसलाई मामले में मिली जमानत
जमशेदपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने सोमवार को जुगसलाई मामले में जमानत दे दी. बता दें कि जुगसलाई थाने की पुलिस ने अभय सिंह के खिलाफ रामनवमी जुलूस के दौरान जुगसलाई में दंगा-फसाद, रोड-रेलवे ट्रैक जाम करने, आगजनी समेत अन्य मामलों को लेकर मुकदमा दायर कराया है.
शास्त्रीनगर में दंगा भड़कानें क मामले में झारखंड हाईकोर्ट से मिली जमानत
इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश एसएन प्रसाद और न्यायाधीश सुभाष चंद की खंडपीठ ने कदमा थाना अंतर्गत शास्त्रीनगर में दंगा भड़काने के मामले में आरोपी बीजेपी नेता अभय सिंह समेत अन्य को जमानत दी है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 12 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. कोर्ट के आदेश के बाद अभय सिंह को छोड़ बाकी अन्य आरोपी जमानत संबंधी प्रक्रिया को पूरा कर जेल से रिहा हो गये.
जुगसलाई मामले में बेल नहीं मिलने के कारण जेल से नहीं निकल पाये थे अभय सिंह
इसके बावजूद बीजेपी नेता अभय सिंह जेल से बाहर नहीं पाये क्योंकि जुगसलाई थाना में दर्ज मामले में जमानत नहीं मिली थी. इस कारण जेल से बाहर नहीं आ पाये. शनिवार 22 जुलाई, 2023 को अभय सिंह के अधिवक्ता ने स्थानीय न्यायालय में जमानत संबंधी याचिका दाखिल की थी. इसी के तहत सोमवार को जमशेदपुर कोर्ट में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अभय सिंह को जमानत दी.
कदमा के शास्त्रीनगर मामले में लोअर कोर्ट से जमानत नहीं मिलने पर हाईकोर्ट का किया था रूख
कदमा थाना में दायर मामले में अभय सिंह की ओर से हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार और रोहन मजूमदार ने बहस की. वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता भोलानाथ ओझा ने बहस की थी. सरकार की ओर से की गई बहस में कोर्ट में जमा करायी गयी केस डायरी में बताया गया कि नौ अप्रैल को अभय सिंह पर दंगा भड़काने की साजिश में शामिल होने की बात सामने आयी है. निचली अदालत से जमानत नहीं मिलने के बाद अभय सिंह ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी.
शास्त्रीनगर मामले में 43 आरोपियों को मिली जमानत
इस मामले में अभय सिंह समेत जितेश कुमार झा, मो जावेद शेख, उमेश सिंह, संदीप पांडेय, मुकेश कुमार मिश्रा, तशीद खान, अतीफ खान, प्रेम कुमार रजक, रफीक मंडल, जनार्द्दन पांडेय, गोपी प्रमाणिक, मो इमरान, सरफराज आलम, नौशाद अहमद, मो नेहालुद्दीन उर्फ राजू, मो हसन, सत्तार अंसारी, जब्बार अंसारी, शाकिर अली, मो उमरान उर्फ मो हाफिज उर्फ मुन्ना, मो शाहिद, मो मुस्तफा उर्फ मो शाहिद, उर्फ शाहिद खान, आनंद शाह, इबरार अंसारी, वहीद आलम, आमीर खान, शब्बीर अहमद, हसीम, मो असलम अंसारी, मो मुज्जफर सज्जाद, मो साहिल बेग, मो जाकिर हुसैन, मो नासिर, मो नसरुद्दीन, मो मकसूद, फिरोज अंसारी, मो सद्दाम, मो आलिम, अफसर अली, मो सलीम और शेख परवेज को जमानत मिल चुकी है.
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क्या है मामला
रामनवमी के बाद जमशेदपुर के शास्त्रीनगर में एक धार्मिक झंडे के अपमान के बाद दो गुटों के बीच पथराव हुआ था. उपद्रवियों ने उत्पात मचाया. पुलिस द्वारा भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस का उपयोग किया गया. इस दाैरान दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गये थे. मामले को लेकर कदमा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी.