झारखंड: बीजेपी नेता अभय सिंह घाघीडीह सेंट्रल जेल से हुए रिहा, बोले-न्यायपालिका पर है भरोसा
बीजेपी नेता अभय सिंह ने कहा कि न्यायपालिका पर उन्हें विश्वास है. राजनीतिक षड्यंत्र और जिला प्रशासन की मिलीभगत से उनकी गिरफ्तारी की गई. कदमा में हुई घटना को लेकर जिला प्रशासन अब तक लोगों को भ्रमित कर रहा है.
जमशेदपुर: घाघीडीह सेंट्रल जेल से बीजेपी नेता अभय सिंह सोमवार की देर शाम में रिहा हुए. हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद आज सोमवार को उन्हें जेल से रिहा किया गया. जेल के बाहर पार्टी कार्यकर्ता एवं समर्थकों ने अंग वस्त्र देकर माल्यार्पण किया और आतिशबाजी कर अभय सिंह का स्वागत किया. पत्रकारों से बातचीत में बीजेपी नेता अभय सिंह ने कहा कि न्यायपालिका पर उन्हें विश्वास है. राजनीतिक षड्यंत्र और जिला प्रशासन की मिलीभगत से उनकी गिरफ्तारी की गई. कदमा में हुई घटना को लेकर जिला प्रशासन अब तक लोगों को भ्रमित कर रहा है. आपको बता दें कि छह माह पूर्व कदमा शास्त्रीनगर दंगा के केस में 10 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार हुए थे. कुल तीन अलग-अलग केसों के प्रोडक्शन लगने के कारण अबतक जेल में थे. तीसरे व अंतिम मामले (मानगो के बिल्डर मोहम्मद सागीर के केस) में शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट से जमानत मिलने से जमानत पर जेल से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त हुआ. इससे पूर्व कदमा शास्त्रीनगर दंगा व जुगसलाई में साम्प्रदायिक बिगाड़ने के केस में जमानत मिल चुकी है.
25-25 हजार रुपये का बेल बॉन्ड भरा
सोमवार को बीजेपी नेता अभय सिंह को झारखंड हाइकोर्ट से मिली जमानत का पेपर फैक्स व मेल से जमशेदपुर सिविल कोर्ट पहुंचा. यहां जमशेदुर कोर्ट के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी उत्कर्ष जैन की अदालत में 25-25 हजार रुपये का बेल बॉन्ड भरकर अभय सिंह घाघीडीह सेंट्रल जेल से सोमवार देर शाम से जमानत पर बाहर निकले.
जमानत पर जेल से रिहा हुए अभय सिंह
जमशेदुर कोर्ट के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी उत्कर्ष जैन की अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वकील प्रकाश झा मौजूद थे. आपको बता दें कि छह माह पूर्व कदमा शास्त्रीनगर दंगा के केस में 10 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार हुए थे. कुल तीन अलग-अलग केसों के प्रोडक्शन लगने के कारण अबतक जेल में थे. तीसरे व अंतिम मामले (मानगो के बिल्डर मोहम्मद सागीर के केस) में शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट से जमानत मिलने से जमानत पर जेल से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त हुआ. इससे पूर्व कदमा शास्त्रीनगर दंगा व जुगसलाई में साम्प्रदायिक बिगाड़ने के केस में जमानत मिल चुकी है.
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