झारखंड में लॉकडाउन उल्लंघन की कार्रवाई मामले में BJP प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने हेमंत सरकार पर उठाये कई सवाल
BJP प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने झारखंड के हेमंत सरकार से कई सवाल पूछे हैं. कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन उल्लंघन की कार्रवाई पर राज्य सरकार भेदभाव कर रही है. साथ ही सवाल किया कि राज्य में पुलिसिया कार्रवाई केवल गरीबों और आम जनता पर और खास लोगों पर मेहरबानी क्यों है?
Jharkhand News (जमशेदपुर) : चतरा में सेना के जवान को मास्क नहीं पहनने पर झारखंड पुलिस द्वारा पीटे जाने के बाद भाजपा ने आक्रमक अंदाज में इस मामले की आलोचना की है. इसके साथ ही झारखंड प्रदेश भाजपा ने राज्य सरकार पर लॉकडाउन उल्लंघन के केस में गरीबों पर अत्याचार और दमनकारी कार्रवाई को लेकर हेमंत सरकार पर बड़ा हमला बोला है.
भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार लॉकडाउन उल्लंघन के मामलों में भेदभावपूर्ण कार्रवाई कर रही है. गरीबों और आम जनता पर पुलिसिया कार्रवाई की चाबुक चल रही है, लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन से जुड़े खास लोगों को राहत दी जा रही है. इस पुलिसिया विभेद को भाजपा प्रवक्ता ने रूल ऑफ लॉ के विपरीत बताया.
उन्होंने कहा कि आये दिन सूबे के विभिन्न जिलों में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कराने को लेकर पुलिस-प्रशासन की सख्ती की खबरें पढ़ने व सुनने को मिलती है. छोटे दुकानदारों, होटल, उद्योगों की सीलिंग तक कर दी जाती है, वहीं मास्क न होने पर त्वरित फाइन और केस किये जाते हैं, लेकिन ऐसी कार्रवाई केवल सेलेक्टिव क्यों?
भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि झारखंड सरकार के लिए यह शर्म का विषय होना चाहिए कि भारतीय सेना के जवान को महज मास्क न पहनने के लिए राज्य की पुलिस ने पीटा. उन्होंने CM हेमंत सोरेन से सवाल करते हुए पूछा कि जिस प्रकार मास्क नहीं पहनने पर सेना के जवान को पीटा गया, क्या वैसी हिम्मत सत्तारूढ़ दल के खास लोगों पर दिखा पायेगी झारखंड पुलिस?
उन्होंने कहा कि कानून सभी के लिए बराबर रहे. चंद लोगों को राहत और आम लोगों पर कार्रवाई की परंपरा गलत है. सत्तारूढ़ दल के नेताओं पर रहम और गरीबों, आम जनता पर सितम की कार्य संस्कृति में सुधार जरूरी है. हर हाल में कानून की खाई मिटनी चाहिए.
भाजपा प्रवक्ता ने राज्यभर में लाखों की तादाद में लॉकडाउन उल्लंघन के केसों की संख्या पर भी चिंता जतायी है. कहा कि इतने तादाद में केसों से न्यायालय पर अनावश्यक दबाव बढ़े हैं और पुलिस विभाग पर भी अतिरिक्त वर्क लोड बढ़े हैं. वहीं, काफी संख्या में गरीब एवं आम जनता कोर्ट, कचहरी और थानों के चक्कर लगाने को मजबूर हुई है.
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कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि कानून की मंशा लोगों को अनुशासन में रखने की है, प्रताड़ित करना उद्देश्य ना रहे. भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने लाखों लॉकडाउन उल्लंघन के केसों पर राज्य सरकार से समीक्षा करने का आग्रह किया है ताकि कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर की तैयारियों में संसाधनों का उचित उपयोग हो सके.
Posted By : Samir Ranjan.