दो दिन एमजीएम में पड़ा रहा शव, बेटा, बेटी नहीं आये, वकीलों ने किया दाह संस्कार
यह कहानी है बागबेड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली 75 वर्षीय मृतका बसंती माथुर की. बसंती को अपने ही बच्चों ने भले ही ठुकरा दिया, लेकिन अधिवक्ताओं ने अंतिम दाह संस्कार किया.
बागबेड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली 75 वर्षीय मृतिका बसंती माथुर
वरीय संवाददाता, जमशेदपुर
मां अपने बच्चों के लिए खुद की जिंदगी तक दांव पर लगा देती है. जिस मां ने नौ महीने बच्चे को कोख में पाला उस मां की मौत के बाद एक पुत्र और तीन पुत्री कंधा देना तो दूर शव को देखने तक नहीं आये. 43 दिनों से एमजीएम में इलाजरत वृद्ध महिला ने अखिरकार 21 जनवरी को प्राण त्याग दिये. यह कहानी है बागबेड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली 75 वर्षीय मृतका बसंती माथुर की. बसंती को अपने ही बच्चों ने भले ही ठुकरा दिया, लेकिन जमशेदपुर न्यायालय के अधिवक्ताओं ने हिंदू रीति रिवाज के साथ महिला का भुइयांडीह बर्निंग घाट में अंतिम दाह संस्कार किया.7 दिसंबर को वृद्ध महिला खासमहल पेट्रोल पंप के पास लावारिस हालात में मिली थी
बागबेड़ा थाना क्षेत्र की रहने वालीबसंती माथुर ( उम्र 75, पति स्वर्गीय गोपाल माथुर ) ने अपने चार बच्चों का लालन-पालन किया. उनका विवाह कराया. जब मां वृद्ध हुई तो बेटे ने घर से निकाल दिया. 7 दिसंबर को वृद्ध महिला खासमहल पेट्रोल पंप के पास लावारिस हालात में सड़क किनारे पड़ी थी. अधिवक्ता संजय तिवारी की नजर पड़ने पर परसुडीह पुलिस को सूचना दी. अधिवक्ता की पहल से परसुडीह पुलिस महिला को थाने ले आयी. दूसरे दिन 8 दिसंबर को जेएनएसी के सहयोग से महिला को कोर्ट परिसर स्थित आश्रयगृह में शिफ्ट कर दिया गया. बीमार होने से दूसरे दिन ही 9 दिसंबर को बसंती माथुर को इलाज के लिए किशोरी नगर आश्रयगृह से एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के लिए अधिवक्ता संजय तिवारी ने वृद्ध महिला को दवा, खून तक उपलब्ध कराया.निधन की सूचना के बाद भी नहीं आयी मृतका की बेटी21 जनवरी को इलाज के दौरान दोपहर 11 बजे महिला बसंती माथुर का निधन हो गया. परसुडीह पुलिस, अधिवक्ता संजय तिवारी ने महिला की बेटी को निधन की सूचना दी. दो दिन तक पुलिस भी परिजनों के आने का इंतजार करते रहे,लेकिन परिजन नहीं आये. 23 जनवरी को अधिवक्ता संजय तिवारी, देवाशीष, विजय गुप्ता, श्याम कुमार, शंभू ठाकुर, राजू दास आदि ने हिंदू रीति रिवीज से महिला का अंतिम दाह संस्कार सुवर्णरेखा बर्निंग घाट में किया.
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