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Budget 2025: बजट को लेकर आदिवासी उद्यमियों की केंद्र सरकार से क्या है अपेक्षा? प्रभात खबर से बातचीत में रखी राय

Budget 2025: ट्राइबल उद्यमियों ने केंद्र सरकार से कई उम्मीदें रखी है. इसमें व्यापार के लिए ऋण सुविधाएं मुहैया कराने के साथ साथ कर में रियायत जैसी चीजें शामिल हैं. पढ़ें प्रभात खबर से संवाद के दौरान उद्यमियों ने क्या कहा.

जमशेदपुर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को बजट पेश करने वाली हैं, जिससे हर वर्ग को उम्मीदें हैं. आदिवासी उद्यमी विशेष रूप से इस बजट पर पैनी नजर बनाये हुए हैं. वे अपने व्यावसायिक विकास और सामाजिक उत्थान के लिए ठोस नीतियों की उम्मीद कर रहे हैं. गुरुवार को प्रभात खबर की ओर से सोनारी टीसीसी में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ट्राइबल इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री से जुड़े कई उद्यमियों ने अपनी राय रखी.

ट्राइबल उद्यमियों की सरकार से क्या है अपेक्षा

उद्यमियों ने सरकार से अपेक्षा जताई कि बजट 2025 उन्हें व्यापार के लिए ऋण सुविधाएं, कर में रियायत और बाजार तक सीधी पहुंच के लिए ठोस नीतिगत सहयोग मिले. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि आदिवासी उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाये, जिससे वे प्रतिस्पर्धा में बने रह सकें. उद्यमियों ने इस बात को भी रेखांकित किया कि डिजिटल युग में आदिवासी व्यवसायों को तकनीकी प्रशिक्षण और डिजिटल प्लेटफॉर्म तक पहुंच आवश्यक है. साथ ही, पारंपरिक हस्तशिल्प और लघु उद्योगों के लिए एक समर्पित नीति की मांग भी उठायी. जिससे उनकी कला और व्यवसाय को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले. संवाद कार्यक्रम में शामिल आदिवासी उद्यमियों को इस बजट से उम्मीद है कि केंद्र सरकार उनकी आकांक्षाओं को ध्यान में रखेगी और आदिवासियों को व्यापार की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए ठोस कदम उठायेगी.

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बोर्ड के गठन से 30 से 40 लाख युवाओं को होगा लाभ

आदिवासी उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए आदिवासी उद्यमिता बोर्ड का गठन जरूरी है. इसके तहत 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाये. इसमें कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, वन उत्पाद, पर्यटन, विनिर्माण आदि सभी क्षेत्रों को शामिल किया जाये. इस बोर्ड का गठन करने वाला पहला राज्य झारखंड बने. इस बोर्ड के गठन से 30 से 40 लाख आदिवासी युवाओं को सीधे तौर से फायदा पहुंचेगा.

बसंत तिर्की, राष्ट्रीय महासचिव, ट्राइबल इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

औद्योगिक क्षेत्र में 50 प्रतिशत छूट पर जमीन मिले

आदिवासी युवाओं और उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार विशेष प्रोत्साहन दे. उन्हें औद्योगिक क्षेत्र में जमीन उपलब्ध करायी जाये, जिसमें जमीन के मूल्य पर 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाये. इससे आदिवासी समुदाय के लोगों में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे. यह पहल न केवल उनके आर्थिक सशक्तिकरण में सहायक होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नये अवसर भी खुलेंगे.

विजय गोंड, आदिवासी उद्यमी

संवेदक पंजीयन शुल्क में शत-प्रतिशत छूट मिले

आदिवासी उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए भवन निर्माण, पेयजल विभाग, ऊर्जा, जल संसाधन, सुवर्णरेखा परियोजना सहित विभिन्न विभागों में संवेदक पंजीयन शुल्क को शत-प्रतिशत मुक्त किया जाये. इससे आदिवासी ठेकेदारों को सरकारी परियोजनाओं में भाग लेने का अधिक अवसर मिलेगा और वे आर्थिक रूप से सशक्त होंगे. इस पहल से आदिवासी उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा. शुल्क माफी से छोटे एवं नये उद्यमियों को विशेष लाभ होगा, जिससे विकास की गति और तेज होगी.

सौरभ बेसरा, ट्राइबल उद्यमी

ब्याज व गारंटी मुक्त 50 लाख तक ऋण मिले

आदिवासी उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार 50 लाख रुपये तक का आसान, ब्याज मुक्त और गारंटी मुक्त ऋण उपलब्ध कराने की योजना बनाये. इससे आदिवासी युवाओं को अपने व्यापार और उद्योग स्थापित करने में मदद मिलेगी. इससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे. यह पहल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी. साथ ही रोजगार के नये अवसर भी सृजित होंगे. बिना गारंटी और ब्याज मुक्त ऋण से छोटे और मध्यम उद्यमियों को विशेष लाभ होगा. इससे आदिवासी समुदाय की समग्र प्रगति भी सुनिश्चित होगी.

जोसेफ कंडिर, ट्राइबल उद्यमी

बैंक ऋण की 15 प्रतिशत मार्जिन मनी राज्य सरकार वहन करे

आदिवासी उद्यमियों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए बैंक ऋण में लगने वाली 25 प्रतिशत मार्जिन मनी में से 15 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करे व 10 प्रतिशत उद्यमियों के लिए रखा जाये. इससे आदिवासी व्यवसायियों को पूंजी जुटाने में सहूलियत होगी और वे आसानी से अपने उद्योग स्थापित कर सकेंगे. इस तरह की पहल से उनके उद्यमों को बढ़ावा मिलने के साथ ही आदिवासी समुदाय के आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी.

रविराज मुर्मू, ट्राइबल उद्यमी

मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना में सरकार अंशदान दे

राज्य सरकार को मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना में अपना अंशदान देना चाहिए और गारंटर मुक्त ऋण उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें. इसके लिए राज्य सरकार को स्टेट क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट की स्थापना करनी चाहिए, जिससे ऋण प्राप्ति की प्रक्रिया सुगम हो और उद्यमियों को वित्तीय सहयोग मिल सके. यह पहल नवोदित उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनायेगी.

चंचल लकड़ा, ट्राइबल उद्यमी

उद्यम स्थापित करने के लिए सीड कैपिटल 10 लाख रुपये मिले

आदिवासी युवाओं को अपना उद्यम स्थापित करने के लिए सीड कैपिटल के रूप में 10 लाख रुपये उपलब्ध कराया जाये, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें. साथ ही, यदि वे कार्यालय या प्रतिष्ठान किराये पर लेते हैं, तो राज्य सरकार द्वारा मासिक किराये में 50 प्रतिशत सब्सिडी दे. इसके अलावा, उनके उत्पादों की मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए मार्केटिंग खर्च का भी 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में दिया जाये.

गगन सिंकू, ट्राइबल उद्यमी

आदिवासी बहुल क्षेत्रों में आदिवासी बिजनेस पार्क स्थापित हो

आदिवासी बहुल जिलों में आदिवासी उद्यमिता पार्क या आदिवासी बिजनेस पार्क की स्थापना सरकार करे, जिससे स्थानीय उद्यमियों को एक संगठित व्यापारिक माहौल मिल सके. यूनियन बजट में इस तरह का विशेष प्रावधान किया जाये, जिससे आदिवासी युवाओं और उद्यमियों को आवश्यक संसाधन, प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचा उपलब्ध हो. इस पहल से रोजगार के नये अवसर भी सृजित होंगे.

अनमोल पिंगुआ, ट्राइबल उद्यमी

जिलों में जोहार हाट के नाम से 100-100 दुकानों का निर्माण हो

सभी जिलों में जोहार हाट के नाम से 100-100 दुकानों का निर्माण बाजार क्षेत्र में किया जाये और इन्हें आदिवासी युवाओं को न्यूनतम किराये पर व्यापार के लिए आवंटित किया जाये. इससे आदिवासी व्यापारियों को एक स्थायी और संगठित व्यापारिक स्थान मिलेगा, जिससे उनका आर्थिक सशक्तिकरण होगा. इससे स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प को बढ़ावा मिलने के साथ ही रोजगार के नये अवसर भी सृजित होंगे. सरकार को यूनियन बजट में इस योजना के लिए विशेष प्रावधान करना चाहिए.

नंदलाल पातर, ट्राइबल उद्यमी

उद्यमिता को बढ़ाने के लिए सरकार 5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण दे

ग्रामीण सूक्ष्म उद्यम और महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार 5 लाख तक ब्याज मुक्त ऋण आसान प्रक्रिया के तहत उपलब्ध कराये. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगी. सरल ऋण प्रक्रिया से अधिक से अधिक लोग उद्यमिता की ओर प्रेरित होंगे, जिससे स्थानीय उत्पादों का विकास होगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे.

राज मार्शल मार्डी, ट्राइबल उद्यमी

कंपनियों में 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी मिले

आदिवासी युवाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए सीड कैपिटल के रूप में 10 लाख रुपये उपलब्ध कराया जाये, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें. साथ ही आदिवासी उद्यमियों द्वारा निर्मित उत्पादों और सेवाओं को विभिन्न कंपनियों में 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी दी जाये, ताकि उनके व्यापार को बड़ा बाजार मिल सके. इस तरह की पहल से आदिवासी व्यवसायों को बढ़ावा मिलने के साथ ही उन्हें मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था से जोड़ने में भी सहायक मिलेगी.

गोमिया सुंडी, आदिवासी उद्यमी

25 करोड़ रुपये तक के टेंडर को स्थानीय को मिले

राज्य सरकार को आदिवासी उद्यमियों से कम से कम 20 प्रतिशत खरीद (प्रोक्योरमेंट) अनिवार्य रूप से करनी चाहिए, ताकि उनके व्यवसाय को स्थिरता और प्रोत्साहन मिले. साथ ही हेमंत सरकार द्वारा पूर्व में घोषित 25 करोड़ रुपये तक के टेंडर को स्थानीय निविदा दाताओं के लिए पुनः बहाल किया जाये, जिससे आदिवासी उद्यमियों को सरकारी परियोजनाओं में अधिक भागीदारी मिले. इस पहल से आदिवासी व्यापार सशक्त बनेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.

वैद्यनाथ मांडी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ट्राइबल इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

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