झारखंड : पूर्वी सिंहभूम के पटमदा में धू-धू कर जली बस, ड्राइवर की सूझबूझ से बाल-बाल बचे 30 यात्री
टाटा-पटमदा मुख्य सड़क पर ठनठनी घाटी के पास बोकारो जा रही कल्याण बस में अचानक आग लग गयी. देखते ही देखते बस धू-धू कर जल गयी. हालांकि, इससे पहले ही ड्राइवर की सूझबूझ से करीब 30 यात्री बाल-बाल बचे. बस में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है.
Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम के टाटा-पटमदा मुख्य सड़क पर ठनठनी घाटी में सोमवार की शाम करीब पांच बजे टाटा से बोकारो जाने वाली कल्याणी नामक बस में अचानक आग लगी. इस दौरान बस धू-धू कर जलकर खाक हो गयी. हालांकि, इससे पहले ड्राइवर बुलेट चंद्र महतो की सूझबूझ से सभी यात्रियों को सुरक्षित उतार लिया गया.
शॉर्ट सर्किट के कारण बस में लगी आग
करीब एक घंटे तक लगातार बस के जलने के बाद शाम करीब छह बजे जमशेदपुर से दमकल वाहन पहुंचने पर आग को बुझाने का कार्य शुरू हुआ. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पटमदा पुलिस ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से दोनों ओर से वाहनों का आवागमन रोक दिया. पटमदा थाना के अवर निरीक्षक विनय कुमार से पूछने पर उन्होंने इस घटना का कारण शॉर्ट सर्किट बताया. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. उन्होंने बताया कि ठनठनी घाटी में मोबाइल नेटवर्क की समस्या होने की वजह से पुलिस को देर से सूचना मिली. घटना की जानकारी मिलते ही दमकल विभाग को सूचित किया गया.
ड्राइवर की सूझबूझ से यात्रियों की बची जान
इस संबंध में बोकारो जिले के पिंडराजोड़ निवासी बस चालक बुलेट चंद्र महतो ने बताया कि जमशेदपुर से करीब 30 यात्रियों को लेकर वे बोकारो के लिए निकले थे. इस बीच रास्ते में एक बार इंजन बंद हो गया एवं उतरकर जांच करने पर कोई फॉल्ट का पता नहीं चला, लेकिन धुसरा पार करने के बाद जैसे ही ठनठनी घाटी के नीचे बस के नीचे से धुआं निकलना शुरू हुआ और किसी चीज के फटने की आवाज सुनाई दी, तो उन्होंने बस को रोककर एसी को बंद कर दिया. इसके बाद उतरकर जांच किया, तो पता चला कि एसी का गैस चैंबर फट गया है और आग लगनी शुरू हो गई. इसके बाद खलासी को बोलकर सभी यात्री और सामान को तत्काल बस से नीचे उतार दिया.
करीब डेढ़ घंटे तक मुख्य सड़क पर वाहनों का आवागमन रहा बाधित
कुछ ही देर में बस धू-धू कर जलना शुरू हो गया और देखते ही देखते पूरी बस जलकर राख हो गयी. इधर, ड्राइवर की समझदारी से बचे यात्रियों ने प्रशंसा करते हुए भगवान का शुक्रिया अदा किया. घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ उमड़ गयी. इसके कारण करीब डेढ़ घंटे तक मुख्य सड़क पर वाहनों का आवागमन बाधित रहा.