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पुलिस फाइल में ही सिमट कर रह जाता है अज्ञात शव का केस

जमशेदपुर पुलिस हत्या, चोरी, लूट, छिनतई के मामलों में केस दर्ज कर कार्रवाई करती है. सभी केस की फाइल भी बनती है. पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजती है. लेकिन एक मामला ऐसा भी है, जिसकी फाइल पुलिस लाल कपड़े में बांध कर रख देती है.

– डेढ़ वर्ष में पुलिस ने बरामद किये 330 अज्ञात शव, सिर्फ 29 की हो पायी शिनाख्त

– सीमावर्ती क्षेत्र की पुलिस से तालमेल बनाकर ली जाती है जानकारी

Jamshedpur (Nikhil Sinha) :

जमशेदपुर पुलिस हत्या, चोरी, लूट, छिनतई के मामलों में केस दर्ज कर कार्रवाई करती है. सभी केस की फाइल भी बनती है. पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजती है. लेकिन एक मामला ऐसा भी है, जिसकी फाइल पुलिस लाल कपड़े में बांध कर रख देती है. ये केस अज्ञात शव का है. अज्ञात शव की अगर बात करें तो हर वर्ष लगभग दो सौ के करीब शव को बरामद किया जाता है. उनमें से कुछ ही शव की शिनाख्त हो पाती है. जिस कारण से मौत के साथ ही उनकी पहचान पुलिस की फाइल में दफन हो जाती है. अगर हम वर्ष 2023 से 2024 के जून माह की बात करें तो पिछले डेढ़ वर्ष में 330 अज्ञात शव बरामद किया गया है. जिसमें से सिर्फ 29 शव की शिनाख्त हो पायी है. इसके अलावे किसी की कोई दावेदार नहीं आयी. या यह भी कह सकते हैं कि पुलिस इन शव को उनके परिवार तक पहुंचा नहीं पायी. तीन दिनों तक इंतजार करने के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया और फिर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया. अंतिम संस्कार करने के साथ ही उसकी पहचान पुलिस की फाइलों में दफन हो गयी. ऐसे में कई परिवार को उनके सदस्यों का आज तक पता नहीं चल पाया.

आम लोगों का नहीं मिलता है पूरा सहयोग

अज्ञात शव मिलने के बाद जिस पुलिस पदाधिकारी को केस का अनुसंधानकर्ता बनाया जाता है, उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पुलिस का कहना है कि जिस क्षेत्र में अज्ञात शव मिलता है उस क्षेत्र की जनता का पुलिस को कोई खास सहयोग नहीं मिलता है. लोगों को शव के बारे में जानकारी होने पर भी वह पुलिस के चक्कर में पड़ने से कतराते हैं और अपनी चुप्पी नहीं तोड़ते हैं. ऐसे में शव की शिनाख्त करने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं शव को लेकर जाने के लिए न तो कोई वाहन चालक तैयार होता है और न ही शव को उठाने के लिए कोई स्वीपर. कई बार तो ऐसा देखा जाता है कि स्वीपर का काम पुलिसकर्मी को ही करना पड़ता है.

डेढ़ वर्ष में रेल पुलिस ने बरामद किये 46 अज्ञात शव

मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने 46 ऐसे अज्ञात शव बरामद किया है. जिनकी मौत रेल से कट कर हुई. जिसमें 28 अज्ञात शव रेल पुलिस ने वर्ष 2023 में और 18 अज्ञात शव जून 2024 तक बरामद किया है. इनमें से किसी भी शव की शिनाख्त नहीं हो पायी है. जिसके बाद पुलिस ने खुद ही शव का अंतिम संस्कार कराया.

डीसीबी प्रकाशन व सीमावर्ती जिले की पुलिस को भेजती है तस्वीर : सिटी एसपी

जमशेदपुर के सिटी एसपी मुकेश कुमार लुणायत ने बताया कि जो भी अज्ञात शव बरामद किया जाता है. सबसे पहले आसपास के लोगों से शिनाख्त कराने का प्रयास किया जाता है. सभी थाना से संपर्क किया जाता है. थाना में दर्ज लापता केस से उसका मिलान कराया जाता था. थोड़ा भी संकेत मिलने पर फौरन सनहा दर्ज कराने वाले परिवार को बुला कर शव को दिखाया जाता है. फिर भी शिनाख्त नहीं होने पर शव की तस्वीर के साथ उसका डीसीबी प्रकाशन किया जाता है. सीमावर्ती क्षेत्र के थाना से संपर्क कर लापता केस की समीक्षा की जाती है. उनको शव की तस्वीर भेजी जाती है. इसके अलावे स्थानीय थाना भी अपने स्तर से उस शव की शिनाख्त कराने को लेकर लोगों से संपर्क करते हैं.

वर्ष 2023 – बरामद शव – शिनाख्त

जनवरी – 11 1फरवरी – 16 3

मार्च- 17 3अप्रैल 18 0

मई – 5 0जून – 14 0

जुलाई – 16 0अगस्त – 24 1

सितंबर – 20 0अक्तूबर – 18 0

नवंबर – 11 0दिसंबर – 22 2

2024 – बरामद शव – शिनाख्त

जनवरी 12 8

फरवरी 21 2मार्च 24 2

अप्रैल 21 0

मई 28 0जून 32 5

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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