जमशेदपुर : आयुष्मान के तहत कराना है मोतियाबिंद का ऑपरेशन तो सरकारी अस्पताल में जांच जरूरी

आयुष्मान के तहत मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए पहले सरकारी अस्पताल में दिखाना जरूरी है. सरकारी अस्पताल से ऑपरेशन के लिए रेफर करने के बाद ही प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान के तहत मरीजों की आंखों का ऑपरेशन कर सकेंगे. स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2023 10:36 AM

जमशेदपुर. आयुष्मान के तहत मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए पहले सरकारी अस्पताल में दिखाना जरूरी है. सरकारी अस्पताल से ऑपरेशन के लिए रेफर करने के बाद ही प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान के तहत मरीजों की आंखों का ऑपरेशन कर सकेंगे. स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किये हैं. पहले कोई भी संस्था किसी प्राइवेट नेत्र हॉस्पिटल के माध्यम से शिविर लगाकर लोगों के आंखों की जांच करती थी. जांच में आंखों में मोतियाबिंद मिलने पर उसका अस्पताल ले जाकर आयुष्मान के तहत ऑपरेशन कराया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

प्राइवेट अस्पतालों में फर्जीवाड़ा के कारण नियम बदला गया

स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के अनुसार विभाग को ऐसी सूचना मिल रही थी कि मोतियाबिंद ऑपरेशन के नाम पर आयुष्मान में कई प्राइवेट अस्पतालों द्वारा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. इसे रोकने के लिए ऐसा नियम बनाया गया है. जब से नया नियम लागू हुआ है, तब से कई प्राइवेट नेत्र अस्पतालों में आयुष्मान रोगियों का मोतियाबिंद ऑपरेशन बंद हो गये हैं. मरीजों को ऑपरेशन कराने के लिए एमजीएम व सदर अस्पताल दौड़ना पड़ रहा है. इससे संबंधित 13 जून को नया आदेश जारी हुआ है. इसके बाद से प्राइवेट अस्पतालों में सर्जरी बंद है.

नये नियम से गरीब मरीजों को हो रही परेशानी, रेफर की मांग

अस्पताल के पदाधिकारियों व डॉक्टरों के अनुसार नये नियम से गरीब मरीजों को परेशानी हो रही है. वे पहले एमजीएम व सदर अस्पताल जाते हैं, वहां से जांच के बाद उन्हें रांची रिम्स या हायर सेंटर लिखकर भेज दिया जाता है. ऐसे में गरीब मरीज जिनके पास भाड़ा तक नहीं होता है, वे लोग रांची रिम्स या दूसरे हायर सेंटर कहां जा सकते हैं. ऐसे लोगों का कहना है कि सरकारी अस्पताल से क्वालिटी सर्टिफाइड अस्पताल, जो शहर में भी है, उनका नाम लिखकर रेफर किया जाये, ताकि मरीज वहां जाकर ऑपरेशन करा लें. उन लोगों को रिम्स व हायर सेंटर जाने की जरूरत नहीं होगी. पहले गरीब मरीज आयुष्मान कार्ड लेकर सीधे अस्पताल पहुंच जाते थे. उन लोगों की जांच कर ऑपरेशन कर दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

Also Read: जमशेदपुर : प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी से एडमिशन की तैयारी, NEP 2020 लागू होने के बाद बड़ा बदलाव

स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संबंध में दिशा- निर्देश दिया गया है. निर्देश के मुताबिक रोगियों को पहले आयुष्मान के तहत सरकारी अस्पताल में आंखों की जांच करानी होगी. उसके बाद वहां से ऑपरेशन के लिए हायर सेंटर भेजा जायेगा. उसके बाद ही ऑपरेशन होगा.

डॉ जुझार मांझी, सिविल सर्जन

Next Article

Exit mobile version