केंद्र सरकार जल्द दे सरना कोड, नहीं तो आदिवासी युवा करेंगे हूल

केंद्र सरकार आदिवासियों को अविलंब सरना कॉलम कोड देने का काम करे, अन्यथा उन्हें भी आदिवासी युवाओं के हूल का सामना करना पड़ेगा.

By Prabhat Khabar Print | July 1, 2024 12:45 AM

आदिवासी युवाओं ने सिदो-कान्हू समेत अन्य महापुरुषों के बलिदान को किया नमन

रविवार को हूल दिवस के मौके पर करनडीह से वीर शहीदों की स्मृति में निकाली गयी बाइक रैली

युवाओं ने पारंपरिक लिबास में गाजे-बाजे के साथ पूरे शहर का किया भ्रमण, जगह-जगह पर वीर शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि

जमशेदपुर :

झारखंड आदिवासी युवा संगठन की ओर से रविवार को हूल दिवस पर वीर सिदो-कान्हू समेत तमाम वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने व उनकी वीरता की गाथा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बाइक रैली निकाली गयी. रैली का शुभारंभ करनडीह स्थित आदिवासी कल्याण छात्रावास कैंपस से किया गया. रैली के समापन के मौके पर आयोजित जनसभा में जुगसलाई तोरोफ परगना दशमत हांसदा ने कहा कि हम अपने महापुरुषों के बताये व दिखाये राह को भूल गये हैं. जिसकी वजह से आदिवासियों की स्थिति राज्य में बद से बदत्तर होती चली जा रही है. आदिवासियों ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में सबसे पहले आंदोलन का बिगुल फूंका था और अंग्रेजी हुकूमत को भगाने का काम किया था. लेकिन देश आजाद होने के बाद आदिवासी को हाशिये रख दिया गया. उन्होंने कहा कि देश में आदिवासियों की आबादी करोडों में है, लेकिन उनको संवैधानिक पहचान के रूप में सरना धर्म कोड नहीं मिला है, जो चिंता का विषय है. केंद्र सरकार आदिवासियों को अविलंब सरना कॉलम कोड देने का काम करे, अन्यथा उन्हें भी आदिवासी युवाओं के हूल का सामना करना पड़ेगा. संताली भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल है, बावजूद इसके राज्य में अभी तक इसे प्रथम राजभाषा का दर्जा नहीं देना समझ से परे है.

1000 से अधिक बाइक के साथ निकली रैली

यह रैली करनडीह से प्रारंभ होकर सुंदरनगर होते हुए खुकड़ाडीह से स्टेशन, बिष्टुपुर, साकची पहुंची. जहां भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. उसके बाद रैली साकची, एग्रिको सिग्नल, बारीडीह, बिरसानगर संडे मार्केट पहुंची. यहां बिरसा बुरू में भगवान बिरसा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद टिनप्लेट, केबुल कंपनी गेट, बर्मामाइंस, टाटानगर स्टेशन चौक होते हुए पुन: करनडीह आदिवासी कल्याण छात्रावास पहुंचकर जनसभा में तब्दील हो गयी. झारखंड आदिवासी युवा संगठन ने वीर शहीदों के सम्मान में 1000 से अधिक बाइक के साथ रैली निकाली. बाइक रैली में युवा छात्र के साथ आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख माझी बाबा, मानकी बाबा, पारानिक बाबा आदि भी शामिल हुए. बाइक रैली को सफल बनाने में प्रो संजीव मुर्मू, इंद्र हेंब्रम, सुकरा हो, देवीलाल टुडू, आनंद बेसरा, सुरेश हांसदा, मानस सरदार समेत अन्य ने योगदान दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version