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पूर्व सीएम चंपाई सोरेन का छलका दर्द, बोले- शिक्षकों को नियुक्ति पत्र न बांट पाने का अफसोस

कांड्रा, गम्हरिया और आदित्यपुर में समर्थकों ने चंपाई सोरेन का गर्मजोशी से स्वागत किया. जहां अपनों से मिलकर वे भावुक हो गये. उन्होंने कहा कि उनके हक के लिए शुरू की गयी लड़ाई जारी रहेगी.

जमशेदपुर : पांच माह के अपने छोटे से कार्यकाल में झारखंड के हर व्यक्ति के हित को ध्यान में रख कर बहुत से काम किये. राज्य के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने के लिए कैबिनेट में योजनाएं पास करायीं. जनता के बीच पहुंचने का प्रयास किया और सभी समुदायों के लिए कोई न कोई योजना शुरू की. जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू करायी, लेकिन अफसोस है कि अपने हाथों से नियुक्ति पत्र नहीं बांट सका. शुक्रवार को अपने गृह जिला पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने उक्त बातें कही. हालांकि, राजनीति से जुड़े मीडिया के सवालों पर श्री सोरेन ने कहा कि वे कभी राजनीतिक बयानों पर टीका-टिप्पणी नहीं करते हैं.

अपनों से मिलकर भावुक हुए चंपाई सोरेन

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद चंपाई सोरेन पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचे. यहां कांड्रा, गम्हरिया और आदित्यपुर में समर्थकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. अपनों से मिलकर वे भावुक हो गये. उन्होंने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से कहा कि उनके हक और अधिकार के लिए शुरू की गयी लड़ाई जारी रहेगी.

चंपाई सोरेन बोले- जनभावना के अनुरूप लाये चंपाई सोरेन

वहीं, उन्होंने तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन पर उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का भरोसा जताया. मीडिया से बातचीत में चंपाई सोरेन ने कहा : जनता की भावनाओं के अनुरूप हम कुछ अच्छी योजनाएं भी लाये. महिलाओं के लिए माई-कुई योजना लागू की. ‘सीएम अबुआ स्वास्थ्य बीमा योजना’ लाये. साथ ही, 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने की योजना लागू की.

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