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Chandil Dam Project : चार दशक पुराना चांडिल डैम प्रोजेक्ट जल्द होगा पूरा, तीन गांवों के विस्थापित पहले होंगे पुनर्वासित

Chandil Dam Project, Jamshedpur News, जमशेदपुर (कुमार आनंद) : चांडिल डैम प्रोजेक्ट के बचे कामों को चरणबद्ध पूरा किया जायेगा. इसमें डैम में 181-183 आरएल (रिड्यूस लेवल) मीटर की जद में आने वाले तीन गांवों के लोगों को पहले पुनर्वासित किया जायेगा. इसमें 181-182 आलएम मीटर में एक गांव व 182-182 आरएल मीटर में दो गांव शामिल हैं. यह निर्णय जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार, सहायक निदेशक रंजना मिश्रा, चांडिल कॉम्प्लेक्स के मुख्य अभियंता विरेंद्र कुमार राम, ईंचा गालूडीह कॉम्प्लेक्स के मुख्य अभियंता पीएन सिंह समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2021 4:31 PM

Chandil Dam Project, Jamshedpur News, जमशेदपुर (कुमार आनंद) : चांडिल डैम प्रोजेक्ट के बचे कामों को चरणबद्ध पूरा किया जायेगा. इसमें डैम में 181-183 आरएल (रिड्यूस लेवल) मीटर की जद में आने वाले तीन गांवों के लोगों को पहले पुनर्वासित किया जायेगा. इसमें 181-182 आलएम मीटर में एक गांव व 182-182 आरएल मीटर में दो गांव शामिल हैं. यह निर्णय जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार, सहायक निदेशक रंजना मिश्रा, चांडिल कॉम्प्लेक्स के मुख्य अभियंता विरेंद्र कुमार राम, ईंचा गालूडीह कॉम्प्लेक्स के मुख्य अभियंता पीएन सिंह समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.

चांडिल डैम शुरू करने के लिए 185 आरएल मीटर जबकि डीपीआर के मुताबिक प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 192 आरएल मीटर तक पानी स्टोरेज किया जाना है. चूंकि अब तक 185 आरएल मीटर जद में आने वाले कई गांव व कई लोगों ने अब तक मुआवजा नहीं लिया है, इस कारण 185 आरएल मीटर से जाने से पूर्व 181-183 आरएल मीटर को पहले चरण में मुआवजा देने के लिए खाका तैयार किया गया है.

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करीब चार दशक पुराने चांडिल डैम का प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने से पनबिजली का उत्पादन शुरू नहीं हो सका. उक्त प्रोजेक्ट में 185 आरएल मीटर तक पानी का स्टोरेज होने पर 2 मेगावाट पनबिजली का उत्पादन होगा, इससे मानगो समेत पूर्वी सिंहभूम व कपाली समेत सरायकेला खरसावां के आस-पास के इलाके में बिजली की निर्बाध आपूर्ति हो सकेगी, जबकि प्रोजेक्ट के तहत पनबिजली का सभी उपकरण वर्षों पहले से आकर बिना उपयोग के पड़े-पड़े सड़ रहे हैं. इतना ही नहीं तार समेत कई उपकरण जर्जर हो चुके हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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