जमशेदपुर. झारखंड (अविभाजित बिहार) में शतरंज को बुलंदियों तक पहुंचाने वाले पूर्व इंटरनेशनल मास्टर और दिग्गज चेस प्रशासक वर्गीज कोसी (66 वर्ष) का बुधवार को चेन्नई में निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव केरल के अडूर में गुरुवार को होगा. वह अपने पीछे पत्नी और दो बच्चे छोड़कर गये हैं. झारखंड में चेस को विकसित करने और संगठित ढांचा तैयार करने का श्रेय वर्गीज कोसी को जाता है. उनका जन्म चाईबासा में हुआ था. 1983 में वे टाटा स्टील से जुड़े, तो उन्होंने बहुत ही तरीके से शतरंज का विकास किया. इससे पहले वे सीआरपीएफ में कार्यरत थे. उसके बाद 1984 में टाटा स्टील में अंतर विभागीय चेस टूर्नामेंट की शुरुआत हुई. वर्गीज कोसी जो, टाटा स्टील से जुड़ने से पूर्व सीआरपीएफ में कार्यरत थे. उनके साथ वहां, पर झारखंड के सबसे मशहूर खिलाड़ी नीरज मिश्रा व भी काम करते थे. उनको भी उन्होंने टाटा स्टील में चेस के विकास के लिए जोड़ा. वहीं उन्होंने दवेंद्र बरुआ व पीके सिंह जैसे बड़े खिलाड़ियों को टाटा में चेस के विकास लिए अपने साथ जोड़ा. ये सभी दिग्गज एक टीम (टाटा स्टील) से खेलते थे. और कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भी एक साथ शिरकत की और ट्रॉफी जीती. साथ ही साथ इन्होंने मिलकर बच्चों के चेस सिखाना शुरू किया. 1989 में जमशेदपुर में पहली बार ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की गयी. यह ट्रेनिंग सेंटर कीनन स्थित नौरोजी पवेलियन में चलता था. जब जेआरडी का निर्माण हुआ इसके बाद यह जेआरडी में शिफ्ट हो गया. टाटा चेस सेंटर ने विशाल सरीन, प्रीतम सिंह, दोलमा बोस, राधाकृष्णा, दीपसेन गुप्ता, जैसे खिलाड़ी दिये. कोसी के निधन पर पूर्वी सिंहभूम जिला चेस एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकुल विनायक चौधरी, सचिव एनके तिवारी, राजेश, विभूति अडेसरा, जयंत भुइंया, भुदेव तिवारी, नीरज मिश्रा, सीडी कामत व अन्य ने गहरा शोक व्यक्त किया है.
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