लोक आस्था के महापर्व छठ 28 अक्तूबर को नहाय-खाय से शुरू होगा. इसे लेकर शहर के बाजारों में चहल-पहल शुरू हो गयी है. स्थायी दुकानों के साथ ही फुटपाथ पर भी सूप, दौरा, नारियल, फल व पूजन सामग्री बेची जा रही है. छठ पूजा में शुद्धता व स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है. लोग एक-दो दिन पहले ही खरीदारी करना पसंद करते हैं. पूजा के लिए फल लोहंडा और पहली अर्घ्य के दिन खरीदते हैं.
छठ पूजा में लगने वाली अधिकतर पूजन सामग्री बाहर से मंगाई जाती है, इसलिए दुकानदारों ने पहले से ही तैयारी कर ली थी और आवश्यकतानुसार स्टॉक बाजार में पहुंचने लगा है. बुधवार को शहर के प्रमुख बाजारों साकची, बिष्टुपुर, गोलमुरी, सोनारी, बारीडीह, कदमा, मानगो आदि में लोगों को दउरा व सूप खरीदते देखा गया. नारियल की भी खूब बिक्री हो रही है.
शहर में फुटपाथ से लेकर मॉल तक में छठ पूजन सामग्री बेची जा रही है. क्वालिटी और साइज के मुताबिक सामग्रियों का मूल्य अलग-अलग है. लोग अपनी सुविधा व आवश्यकता के अनुसार खरीदारी कर रहे हैं.
66 वर्ष का हूं. पिछले 15 सालों से छठ कर रहा हूं. पहले माताजी छठ कर रही थीं, लेकिन अब वह 82 वर्ष की हो गयी हैं. पत्नी जीवित होती, तो शायद वो ही इस परंपरा को आगे ले जाती. आज सूप और दउरा खरीदा हूं.
अवधेश कुमार, ग्राहक, भालुबासा
छठ पूजा आजकल सभी कर रहे हैं. लेकिन सबकी आर्थिक स्थिति समान नहीं होती है. कुछ लोग कम कीमत वाला सामान चाहते हैं, जबकि कुछ क्वालिटी देख कर खरीदारी करते हैं. इसलिए हर क्वालिटी का सामान रखा है.
मंजू, दुकानदार, बारीडीह
साकची सब्जी मंडी के थोक विक्रेता शाहदाब खान बताते हैं कि छठ पूजा को देखते हुए पांच ट्रक (डेढ़ से दो लाख) नारियल मंगवाया गया है. छठ पर थोक भाव पर बाजार में नारियल की आपूर्ति की जाती है.
शाहदाब खान, थोक विक्रेता, साकची
महापर्व छठ के लिए नयी साड़ी खरीदने वालों की भीड़ दुकानों में बढ़ने लगी है. दुकानदारों ने छठ के लिए लाल व पीली साड़ी खासतौर पर मंगवायी है. इसकी कीमत 300 से 1200 रुपये तक है. महंगी साड़ियां भी बाजार में उपलब्ध हैं.
सूप ~40-60 पीस
दउरा ~80-180 पीस
दउरा (बढ़िया) ~160-450 पीस