चोल जाबो चोल गोपाल मयदाने…, बिष्टुपुर गोपाल मैदान में टुसू मेला में उमड़ा जनसैलाब

झुमुर सम्राट रंजीत महतो ने झारखंड आंदोलनकारी शहीद निर्मल महतो हत्याकांड पर एक गीत गाकर उनकी हत्या से जुड़ी यादें भी ताजा कर दीं. उनके साथ ताल में ताल मिलाते हुए ईचागढ़ निवासी राम कैलाश यादव ने भी ''चोल जाबो चोल गोपाल मैदाने...'' गीत गाकर खूब वाहवाही लूटी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2024 1:35 PM
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बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में झारखंडवासी एकता मंच की ओर से रविवार को विशाल टुसू मेला का आयोजन किया गया. मेले में कोल्हान समेत बंगाल, ओडिशा, सरायकेला, चांडिल, घाटशिला, पोटका समेत कई जगहों से हजारों की संख्या में लोग जुटे थे. मेले में पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप पर महिलाएं, पुरुष व युवाओं की टोलियां झूम रही थीं. पश्चिम सिंहभूम के मनोहरपुर से आए रंजीत महतो एंड टीम ने कई टुसू व झुमुर गीत गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस दौरान झुमुर सम्राट रंजीत महतो ने झारखंड आंदोलनकारी शहीद निर्मल महतो हत्याकांड पर एक गीत गाकर उनकी हत्या से जुड़ी यादें भी ताजा कर दीं. उनके साथ ताल में ताल मिलाते हुए ईचागढ़ निवासी राम कैलाश यादव ने भी ”चोल जाबो चोल गोपाल मैदाने…” गीत गाकर खूब वाहवाही लूटी.

टुसू प्रतिमा के विजेता
  • प्रथम : पदनामसाई राजनगर (31,000 रुपए)

  • द्वितीय : सोसोमुली राजनगर (25,000 रुपए)

  • तृतीय : धरनागोड़ा चांडिल (20,000 रुपए)

  • चतुर्थ : रूगड़ीह डोबो (15,000 रुपए)

  • पांचवां : उज्जवलपुर (11,000 रुपए)

  • छठा : टोकन नंबर 077 (7,000 रुपए)

  • सातवां : उलीडीह मानगो (5,000 रुपए)

चोल जाबो चोल गोपाल मयदाने... , बिष्टुपुर गोपाल मैदान में टुसू मेला में उमड़ा जनसैलाब 3
चौड़ल के विजेता
  • प्रथम : विश्वनाथ पुरान, अड़की (25,000 रुपए)

  • द्वितीय : शक्तिधर, माझटोला (20,000 रुपए)

  • तृतीय : लक्ष्मीकांत मांझी (15,000 रुपए)

  • चतुर्थ : न्यू स्टूडेंट क्लब बोड़ाम (5,000 रुपए)

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  • प्रथम : पांडुराम मुर्मू व टीम, बलराम बस्ती, सोनारी (15,000 रुपए)

शहीदों को याद कर शुरू किया गया कार्यक्रम

कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, रघुनाथ महतो, शहीद निर्मल महतो, स्व सुधीर महतो, स्व साधु महतो समेत दिवंगत नेताओं की तस्वीर पर माला व पुष्प अर्पित कर की गयी. इसके बाद झुमुर सम्राट रंजीत महतो के ग्रुप ने एगो आर कोतो दिन कोली जुग आछे…”, ”आसबो बोले कोथा दिली, नाई आली मेला…”, ”ए बाबू तोर मोसी देखा दिलेक देहाते…” सहित कई गानों की प्रस्तुति देकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि सांसद विद्युत वरण महतो व विशिष्ट अतिथि के रूप में झारखंडवासी एकता मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो, ईचागढ़ की विधायक सविता महतो, पूर्व सांसद सुमन महतो, झामुमो महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष- चंद्रावती महतो, श्रीनाथ यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति सुखदेव महतो, खगेन महतो, फणीभूषण महतो आदि उपस्थित थे.

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सामाजिक व सांस्कृतिक धरोहर बचेंगे, तो हम सबका अस्तित्व भी बचेगा : विद्युत वरण महतो

मुख्य अतिथि सांसद विद्युत वरण महतो ने अपने संबोधन के दौरान टुसू व झुमुर गीत गाकर लोगों का मन मोह लिया. उन्होंने आसछे मकर दु दिन सुबुर कर, तुंई पीठा मुढ़ीर जोगाड़ कोर… सहित एक के बाद एक तीन गीत गाये. उन्होंने कहा कि आदिवासी-मूलवासी समाज अपने संस्कार और संस्कृति को बचाये रखे. पूर्वजों की दिये सामाजिक व सांस्कृतिक धरोहर बचेंगे तो हम सबका अस्तित्व भी बचेगा. युवा पीढ़ी को समाज व संस्कृति से प्रेम करना सिखाना होगा. साथ ही वे खुद को शैक्षणिक दृष्टिकोण से मजबूत जरूर बनाएं, ताकि आदिवासी-मूलवासी समाज समृद्ध व विकसित हो. उन्होंने आदिवासी-मूलवासी समाज के लोगों से अपील की कि वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन-जयदाद को नहीं बेचें. क्योंकि, जब तक उनकी जमीन सुरक्षित है, तब तक उनका अस्तित्व सुरक्षित है.

सामाजिक मुद्दों पर एक हो समाज : आस्तिक

झारखंडवासी एकता मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो ने कहा कि आदिवासी-मूलवासी समाज के लोग विभिन्न राजनीतिक दलों में बंटे हुए हैं. राजनीतिक रूप से भले ही समाज के लोग बंटे हुए हों, लेकिन जब सामाजिक मुद्दे की बात हो तो राजनीतिक भावना से ऊपर उठकर समाज के साथ खड़ा रहना होगा. तभी समाज का वजूद बचेगा. उन्होंने युवा पीढ़ियों को अपने पूर्वजों के इतिहास समेत भाषा-संस्कृति व समाज के बारे में विस्तृत जानकारी लेने को कहा. साथ ही कहा कि माता-पिता भगवान के तुल्य हैं. उनके बताये व दिखाये राह पर चलकर अपने सपनों को साकार करें.

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