सीएम चंपाई सोरेन ने डिग्री कॉलेज समेत 119 करोड़ की योजनाओं की दी सौगात, बोले अब पोटका में भी मिलेगी उच्च शिक्षा
सीएम चंपाई सोरेन ने डिग्री कॉलेज समेत 119 करोड़ की विकास योजनाओं का तोहफा दिया. उन्होंने कहा कि अब पोटका में भी बच्चों को उच्च शिक्षा मिलेगी.
जमशेदपुर: सीएम चंपाई सोरेन ने पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका में डिग्री कॉलेज (कोल्हान विश्वविद्यालय) का शिलान्यास किया. उन्होंने कहा कि अब उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को जमशेदपुर या अन्य शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्वालिटी एजुकेशन पर वे जोर दे रहे हैं. उन्होंने इस दौरान कुल 119 करोड़ 19 लाख 291 रुपए की विभिन्न विकास योजनाओं की सौगात दी. 100 विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं तीन योजनाओं का उन्होंने शुभारंभ भी किया. उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जरूरी है. बुनियादी व्यवस्थाओं को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है. समृद्ध जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण और बढ़ावा देने के लिए कदम बढ़े हैं.
अब पोटका में भी मिलेगी उच्च शिक्षा
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका क्षेत्र में डिग्री कॉलेज का शिलान्यास किया गया. निश्चित रूप से आने वाले दिनों में इस डिग्री महाविद्यालय में उच्च शिक्षा की पढ़ाई शुरू की जाएगी. इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अब जमशेदपुर या अन्य शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. राज्य के आदिवासी, मूलवासी, किसान, मजदूर, पिछड़ा, अल्पसंख्यक सहित सभी वर्ग-समुदाय के बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध कराया जा सके. इस दिशा में उनकी सरकार निरंतर प्रयासरत है.
जनजातीय भाषाओं के घंटी आधारित शिक्षकों की होगी नियुक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की समृद्ध जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषाओं के विकास एवं संवर्धन के लिए अब प्राथमिक विद्यालयों से ही इन भाषाओं में पढ़ाई शुरू होगी. संताली, मुंडारी, उरांव सहित जनजातीय भाषाओं के घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति जल्द की जाएगी. राज्य में बंगाली तथा उड़िया भाषा की भी पढ़ाई प्राथमिक विद्यालयों से शुरू हो, यह उनकी सरकार की प्राथमिकता है.
शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने में जुटी राज्य सरकार
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार झारखंड में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हर स्तर पर प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. पूर्व की सरकारों ने राज्य के भीतर ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रहे 5 हजार सरकारी विद्यालयों को बंद कर दिया था. प्राइमरी विद्यालय बंद होने से यहां के आदिवासी, मूलवासी, गरीब, मजदूर, किसान सहित सभी-वर्ग समुदाय के बच्चे प्रारंभिक शिक्षा से वंचित हो गए थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए संकल्पित है. शिक्षा व्यवस्था में सुधार एवं सकारात्मक बदलाव लाने के लिए राज्य में संचालित सरकारी विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय एवं मॉडल स्कूल के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है. अब राज्य के बच्चे भी निजी विद्यालयों की तर्ज पर इन उत्कृष्ट विद्यालयों में निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति की राशि में तीन गुनी तक की वृद्धि कर दी है. उनकी सरकार राज्य की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत करने को लेकर निरंतर प्रयासरत है.
उच्च शिक्षा में भी पैसा नहीं बनेगा बाधा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक युग में राज्य की युवा पीढ़ी एवं स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है. राज्य की दशा और दिशा तभी बदलेगी जब यहां के बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, अफसर सहित अन्य बड़े पदों को सुशोभित करेंगे. झारखंड खनिज संपदाओं से भरा प्रदेश है. जब झारखंड की युवा पीढ़ी पढ़-लिखकर काबिल बनेगी, तभी यहां की खनिज संपदाओं का उपयोग जनहित तथा राज्यहित में किया जा सकेगा. यह प्रदेश धनी प्रदेश के रूप में जाना जाता है, लेकिन यहां की जनता गरीबी रेखा से नीचे रहकर जीवन-यापन करती है. जब यहां बच्चे मैट्रिक पास करते हैं तब परिवार की आर्थिक हालत खराब रहने के कारण उन्हें पढ़ाई छोड़कर उनके परिजन उन्हें प्राइवेट नौकरी अथवा मजदूरी का काम करने को कहते हैं. उच्च शिक्षा के लिए पैसों की कमी होनहार विद्यार्थियों के लिए अभिशाप बनती है. इस स्थिति को बदलने के लिए उनकी सरकार विद्यार्थियों को गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से मदद कर रही है. इस योजना के तहत उच्च शिक्षा डिग्री के लिए जरूरत के हिसाब से शिक्षा ऋण उपलब्ध कराई जा रही है. आदिवासी एवं मूलवासी सहित अन्य वर्ग समुदाय के वैसे बच्चे जो विदेश में स्थापित शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हें भी शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप देकर अन्य देशों में पढ़ाई करने का मौका दिया जा रहा है.
20 लाख परिवारों को देंगे अबुआ आवास योजना का लाभ
सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में बुनियादी व्यवस्थाओं को मजबूत और सुदृढ़ करने में जुटी है. झारखंड में सोना, यूरेनियम, तांबा, लोहा, पत्थर, कोयला सहित अन्य खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, फिर भी यहां के लोग गरीबी में रहने को मजबूर हैं. उनकी सरकार प्रधानमंत्री आवास से वंचित पात्र 8 लाख परिवारों को ही नहीं बल्कि राज्य के पात्र 20 लाख आवासविहीन परिवारों को अबुआ आवास योजना के तहत तीन कमरों का पक्का मकान उपलब्ध कराएगी.
125 यूनिट बिजली मिलेगी नि:शुल्क
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में अबुआ आवास योजना की परिकल्पना की गयी थी. हेमंत सोरेन की महत्वाकांक्षी योजना को हम धरातल पर उतार रहे हैं. आने वाले 3 महीने के बाद 9 लाख परिवारों को अबुआ आवास योजना का लाभ राज्य सरकार देगी. कोई भी परिवार अब झोपड़ी अथवा कच्चे मकान में रहने को विवश न रहे, यह उनकी सरकार की प्रतिबद्धता है. उनकी सरकार राज्यवासियों को 125 यूनिट बिजली नि:शुल्क उपलब्ध कराएगी. सभी उपभोक्ताओं के घरों पर बिजली का मीटर फ्री में लगाया जाएगा. बिजली बिल से संबंधित गड़बड़ियों को भी सुधारा जाएगा. मौके पर विधायक संजीव सरदार, जिला 20 सूत्री उपाध्यक्ष मोहन कर्मकार, मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल, पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे.
हड़िया और शराब झारखंड के लिए अभिशाप
सीएम ने कहा कि झारखंड की भाषा-संस्कृति व परंपरा को बचाना उनका कर्तव्य है. जाहेरथान की तरह अब मूलवासियों के धार्मिक स्थल का सौंदर्यीकरण होगा. उन्होंने हड़िया और शराब को झारखंड के लिए अभिशाप बताया. सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर नया व्यवसाय शुरू करें. उन्होंने कहा कि सरकार आपके गांव को स्मार्ट बनायेगी. लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान समेत सभी सुविधाएं मिलेंगी.
राज्य में भाजपा को एक भी लोस सीट नहीं जीतने देना है
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य की खनिज संपदा पर गिद्धदृष्टि जमाये बैठी है. उनके मंसूबे को सफल नहीं होने देना है. राज्य में लोकसभा की 14 सीटों में एक पर भी भाजपा को जीतने नहीं देना है.