जमशेदपुर: भुइयांडीह लिट्टी चौक-भिलाईपहाड़ी फोरलेन ब्रिज का शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची से ऑनलाइन शिलान्यास किया. 77.77 करोड़ की लागत से यह ब्रिज 18 महीने (2026) में बन कर तैयार हो जायेगा. इस अवसर पर पथ निर्माण विभाग ने भुइयांडीह में लिट्टी चौक पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विधायक सरयू राय, उपायुक्त अनन्य मित्तल, प्रशासनिक पदाधिकारी व पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे.
रघुवर दास ने किया था ऐलान
इस पुल के निर्माण का ऐलान पूर्व सीएम रघुवर दास ने अपने कार्यकाल में किया था. कागजी कार्रवाई पूरी नहीं होने की वजह से शिलान्यास नहीं हो पाया. इसके बाद विधायक सरयू राय ने इस मामले में लगातार सभी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए इसे जमीन पर उतारने का काम किया. एनएच 33 पर भिलाई पहाड़ी से भुइयांडीह लिट्टी चौक तक प्रस्तावित इस फोर लेन पुल का निर्माण का टेंडर रांची की सतीश प्रसाद कंपनी को मिला है. पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता दीपक सहाय ने बताया कि पुल का निर्माण कार्य तीन दिन के अंदर शुरू कर दिया जायेगा.
शहर को मिलेगी नयी सौगात, मानगो को जाम से मिलेगी मुक्ति
शहर को नयी सौगात मिलेगी. नये एरिया का विकास होगा, वहीं मानगो को भी जाम से निजात मिलेगी. भिलाई पहाड़ी को भुइयांडीह से कनेक्ट करने वाले इस फोर लेन सड़क के बन जाने के बाद मानगो ब्रिज पर बोझ कम होगा. बारीडीह, गोलमुरी, साकची व शहर के जिन लोगों को सड़क मार्ग से घाटशिला की तरफ जाना है, वे इस पुल के रास्ते सीधे एनएच 33 पहुंच जायेंगे. इसी तरह घाटशिला की तरफ से शहर आने वाले वाहन भिलाईपहाड़ी से इस पुल का प्रयोग करते हुए भुइयांडीह पहुंच जायेंगे.
पुल के निर्माण पर खर्च होंगे 44 करोड़ रुपये
पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फोर लेन पुल के निर्माण पर 44 करोड़ रुपये खर्च होंगे. शेष राशि (33 करोड़) से जमीन अधिग्रहण किया जायेगा. विधायक सरयू राय ने बताया कि पहले इस पुल का निर्माण टाटा स्टील को करना था, बाद में कंपनी ने इस पुल के निर्माण की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया. भिलाई पहाड़ी की तरफ पुल के एप्रोच रोड के लिए 80 फीसदी जमीन टाटा स्टील देगी, जबकि 20 फीसदी जमीन सरकार देगी.
जनहित के लिए प्रयास जारी रखा : सरयू राय
विधायक सरयू राय ने कहा कि इसके निर्माण से इस मार्ग पर यातायात का परिचालन बढ़ेगा. इससे लिट्टी चौक पर ट्रैफिक का बोझ बढ़ेगा. इसके लिए टाटा स्टील और जिला प्रशासन को अभी से उपाय करना होगा ताकि पुल का निर्माण होते-होते इस समस्या का समाधान भी निकल आये. इस पुल के निर्माण के लिए उन्होंने विधानसभा में (21 मार्च 2022 और 20 दिसंबर 2022) को सवाल किये थे. दोनों ही बार सरकार ने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया. इसके बावजूद उन्होंने प्रयास जारी रखा. विभागीय सचिव से लेकर अभियंता प्रमुख तक से वार्ता की जिसके फलस्वरूप इस योजना को मूर्त रूप मिला और इसका निर्माण प्रारंभ हो रहा है. उनके लिए यह प्रसन्नता की बात है.