जमशेदपुर: मौसम में हो रहे लगातार बदलाव के कारण सर्दी, जुकाम के मरीज बढ़े, इन लोगों का रखें खास ध्यान
जमशेदपुर के सदर अस्पताल में प्रतिदिन 250 से 300 लोग इलाज कराने के पहुंच रहे हैं. जिनमें 100 से ज्यादा मरीज मेडिसिन विभाग में इलाज कराने पहुंच रहे हैं.
जमशेदपुर : मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव की वजह से बच्चे व बुजुर्ग बीमार पड़ रहे हैं. सर्दी, जुकाम, बुखार, दस्त, उल्टी जैसी शिकायतें लेकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं. बच्चों में ज्यादातर निमोनिया व डायरिया के मामले सामने आ रहे हैं. सदर अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉ रंजीत पांडा ने बताया कि इस बार मरीजों में गले में खराश मुख्य लक्षण के रूप में सामने आ रहा है. इस बार बीमारी 15 से 20 दिनों तक लंबा खींच जा रही है. उन्होंने बताया कि मार्च महीने के शुरुआती दिन ऐसे ही होते हैं. थोड़ी सी भी लापरवाही बरतने पर लोगों को जुकाम की समस्या हो जाती है. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में प्रतिदिन 250 से 300 लोग इलाज कराने के पहुंच रहे हैं, जिनमें 100 से ज्यादा मरीज मेडिसिन विभाग में इलाज कराने पहुंच रहे हैं. इसमें 20 से 30 मरीज सर्दी, खांसी व बुखार की शिकायत लेकर आ रहे हैं.
थोड़ी सी लापरवाही पड़ सकती है भारी
एमजीएम अस्पताल के डॉ बलराम झा ने बताया कि मौसम में बदलाव का सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है. हमारा शरीर लंबे समय तक एक मौसम का अभ्यस्त हो जाता है. नये मौसम के हिसाब से ढालने के लिए उसको समय चाहिए होता है. इसमें थोड़ी सी लापरवाही लोगों को बीमार बना देती है. एमजीएम अस्पताल में प्रतिदिन 1200 से ज्यादा मरीज आते हैं. उनमें 200 मेडिसिन विभाग के होते हैं. मरीजों की संख्या को देखते हुए इन बीमारियों से संबंधित दवाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं.
छह दिनों में 1197 लोगों को हुआ इलाज
एमजीएम अस्पताल के मेडिसिन विभाग में 27 फरवरी से चार मार्च के बीच 1197 लोगों का इलाज किया गया. इनमें अधिकतर मरीज वायरल फीवर के थे. शिशु वार्ड में 495 बच्चों का इलाज किया गया. इनमें ज्यादातर निमोनिया, बुखार, खांसी की शिकायत लेकर पहुंचे थे. दो से तीन बच्चों को प्रतिदिन भर्ती करना पड़ रहा है.
निमोनिया से ग्रसित बच्चे आ रहे इलाज कराने
एमजीएम अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ केके चौधरी ने बताया कि बदलते मौसम में नवजात और बच्चों को बच कर रहना होता है. धूप निकलने के साथ चल रही ठंडी हवाओं से नवजात व छोटे बच्चे सर्दी-जुकाम, बुखार और श्वांस संबंधी रोग से पीड़ित हो रहे हैं. 100 में से 10 बच्चे निमोनिया पीड़ित पहुंच रहे हैं. इसमें से दो से तीन को भर्ती करना पड़ रहा है.
Also Read : पूर्वी सिंहभूम के पोटका सबरनगर में 150 सबर परिवारों ने किया प्रण, शराब का सेवन नहीं करेंगे हम
बच्चों का रखें ख्याल
- प्रतिदिन स्नान न कराये, बहुत जरूरी हो तो गर्म पानी से उनके शरीर को पोछें
गर्म कपड़े पहना कर रखें
फ्रिज में रखी ठंडी चीजें खाने को न दें - कोल्ड ड्रिंक्स और आइसक्रीम से दूर रखें
घर में अभी एसी या कूलर का इस्तेमाल न करें - फ्रिज से निकालकर ठंडा पानी पीने से बचें
बच्चों में होने वाली बीमारी के लक्षण
बच्चों की आंखें लाल होना, नाक बहना, खांसी, शरीर में दर्द और गले में खराश
तिथि मरीज की संख्या
27 फरवरी- 181
28 फरवरी- 231
29 फरवरी- 190
01 मार्च- 196
02 मार्च- 195
04 मार्च- 204
एमजीएम के बच्चा वार्ड में कब कितने मरीजों का हुआ इलाज
27 फरवरी- 102
28 फरवरी- 64
29 फरवरी- 68
01 मार्च- 80
02 मार्च- 86
04 मार्च- 95