शहर में जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है. वैसे ही सांस की बीमारी से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इधर शहर के प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में निमोनिया से ग्रसित बच्चों को उनके परिजन इलाज कराने के लिए लाने लगे हैं. छह दिनों में 650 बच्चों को डॉक्टरों ने देखा. इसमें कई बच्चों का बच्चा वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. जिले के एमजीएम अस्पताल में शनिवार को ही 65 बच्चे इलाज कराने के लिए पहुंचे थे, वहीं 11 से 16 दिसंबर के बीच एमजीएम अस्पताल में 380 बच्चे इलाज कराने के लिए आये थे. इसमें सर्दी, खांसी, बुखार आदि से ग्रसित बच्चे शामिल हैं. वहीं निमोनिया से ग्रसित तीन बच्चों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. वहीं सदर अस्पताल में 11 से 16 दिसंबर के बीच 270 बच्चे इलाज कराने के लिए लाये गये. इसके साथ ही टीएमएच, टेल्को अस्पताल, मर्सी सहित अन्य अस्पतालों में सर्दी, खांसी, सांस लेने में दिक्कत की शिकायत लेकर इलाज कराने के लिए लोग पहुंच रहे हैं.
निमोनिया का टीका लेना काफी लाभदायक : डॉ केके चौधरी
एमजीएम अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ केके चौधरी ने बताया कि ओपीडी में अगर 10 बच्चा सर्दी, खांसी, सांस लेने में दिक्कत कि शिकायत लेकर आ रहे हैं तो उसमें तीन से चार बच्चे हल्के या गंभीर निमोनिया से ग्रसित मिल रहे हैं, जिसमें करीब दो बच्चों को भर्ती करने की जरूरत हो रही है. उन्होंने कहा कि पहले सर्दी, खांसी दो से तीन दिनों में ठीक हो जाती थी, लेकिन अभी निमोनिया के हल्के मामले को ठीक होने में लगभग एक से दो सप्ताह लग जा रहा है, जबकि अधिक गंभीर मामलों में पूरी तरह से ठीक होने में एक माह तक लग जा रहा है. निमोनिया का टीका लेना काफी लाभदायक होता है.
निमोनिया के लक्षण
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खांसी, बलगम या कफ पैदा होना
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बुखार, पसीना और ठंड लगना.
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सांस लेने में दिक्कत, धड़कन तेज होना
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सीने में दर्द
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थकान और कमजोरी
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भूख में कमी
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