Jharkhand News: आदित्यपुर नगर निगम ने निगम क्षेत्र में कई जगहों पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया है, जिस पर करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं. एक शौचालय के निर्माण पर औसतन 25 लाख रुपये खर्च हुए, लेकिन अधिकतर शौचालयों की स्थिति जर्जर हो चुकी है. उसके सामानों की चोरी हो चुकी है. कुछ शौचालय तो ऐसे भी हैं जिनका उद्घाटन तक नहीं हुआ और बेकार हो गये. अब इन शौचलायों की स्थिति ऐसी हो गयी है कि इसमें असामाजिक तत्वों व नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है. आदित्यपुर से प्रियरंजन की रिपोर्ट
वार्ड 05 का गम्हरिया बाजार, वार्ड 12 का सामुदायिक शौचालय, वार्ड 15 का सामुदायिक शौचालय, वार्ड 17 का हरिओमनगर, वार्ड 18 का सामुदायिक शौचालय, वार्ड 20 के सीता बस्ती.
निगम द्वारा कई जगहों पर मॉडलर शौचालय का निर्माण किया गया था. जिसकी भी स्थिति जर्जर हो चुकी है. उसकी भी मरम्मत के लिए राशि आवंटित कर दी गयी है.
सामुदायिक शौचालय
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सार्वजनिक शौचालय
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सामुदायिक शौचालय चालू
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सार्वजनिक शौचालय चालू
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निगम के द्वारा चौक-चौराहों पर लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लाखों रुपये खर्च कर मॉड्यूलर शौचालयों का निर्माण किया गया. लेकिन, उसकी भी स्थिति किसी से छिपी नहीं है. इस शौचालयों की स्थिति ऐसी है कि उसका निर्माण तो किया गया, लेकिन उसमें न तो पानी की व्यवस्था की गयी और न ही उसके रख- रखाव की जिम्मेवारी किसी को दी गयी.
निगम क्षेत्र में 25 सामुदायिक व छह सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण स्वच्छता मिशन के तहत किया गया था. जिसमें करोड़ों रुपए खर्च हुए थे. कुछ शौचालय जो रिहायशी इलाकों में थे, उसका संचालन हो रहा है लेकिन अधिकतर शौचालय बेकार पड़े हुए हैं.
21,73,975
28,95,124
शौचलायों में हजारों रुपये के लगाये गये सामानों की चोरी कर ली गयी है, लेकिन इसकी सुधि लेने वाला न तो नगर निगम है और न ही स्थानीय पार्षद.
सभी शौचालयों की मरम्मत के लिए टेंडर हो चुका है. कुछ शौचालयों के मरम्मत का कार्य भी शुरू कर दिया गया है. संभावना है कि शीघ्र ही शौचालयों को दुरूस्त कर दिया जायेगा. जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिल सकेगा.
गिरिजा शंकर प्रसाद, अपर नगर आयुक्त नगर
मेरे कार्यकाल के पूर्व ही शौचालय का निर्माण किया गया था. लेकिन स्थल चयन सही जगह नहीं रहने के कारण उसका सारे सामान गायब हो गये हैं. वर्तमान में उसे सामुदायिक भवन बनाने की प्रक्रिया जारी है.
नीतू शर्मा, पार्षद वार्ड 17
सामुदायिक शौचालय का निर्माण लोगों की जरूरतों को देखते हुए कराया गया था, लेकिन उसका सही ढंग से देखरेख नहीं हो पाने के कारण जर्जर हो गयी. अब देखरेख का जिम्मा सुलभ को मिला है.
डॉ नथुनी सिंह, पार्षद वार्ड 15
शौचालय का निर्माण जनहित में किया गया था. लेकिन संचालन की जिम्मेवारी किसी को नहीं मिलने के कारण उसका इस्तेमाल नहीं हो सका. उसकी मरम्मत के लिए काम शुरू होने वाला है.
अमृता श्रीवास्तव, पार्षद वार्ड 28
सामुदायिक शौचालय का निर्माण पूरी तरह से गलत जगह पर बनाया गया है. यह सिर्फ राशि की बर्बादी है.
वीरेंद्र कुमार, वार्ड 17
शौचालय का निर्माण किसी बस्ती में किया जाता तो उसका उपयोग होता. लेकिन गलत जगह बना दिये जाने के कारण असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगा.
दीपक चौधरी, वार्ड 17
वार्ड का विकास होना चाहिए, इसके लिए सभी लोग प्रयासरत हैं. लेकिन राशि का दुरूपयोग नहीं हो. सामुदायिक शौचालय का स्थल ही गलत चयन किया गया.
कुंदन कुमार, वार्ड 15
शौचालय निर्माण पर राशि की बर्बादी हुई है. जिस जगह पर शौचालय बनाया गया, वहीं उसकी कोई जरूरत नहीं थी. यदि उसे अन्य जगह बनाया जाता तो उसका उपयोग होता.
सुरेंद्र सिंह, वार्ड 28