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शहर के आश्रयगृहों का हाल बेहाल, सांसत में जान

शहर में एक बार फिर तापमान बढ़ने से लोग बेहाल है. ऐसे में शहरी बेघरों के लिए बनाये गये आश्रयगृह में रहने वाले लोगों की क्या स्थिति है.

-दिन रात तप रहा शहर, न दिन में चैन न रात को आराम -आश्रयगृहों में कहीं पंखे के नीचे कट रहा दिन, कहीं आरओ मशीन खराब -प्रचंड गर्मी से यहां ठहरने वाले के सेहत पर पर रहा असर, पसीने से तर बतर दिखे लोग इन दिनों आसमान से आग बरस रही है. भीषण गर्मी से लोगों की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. शहर में तापमान की बात करें, तो येलो से लेकर रेड अलर्ट की स्थिति में है. हर कोई तापमान बढ़ने से बेहाल है. ऐसे में शहरी बेघरों के लिए बनाये गये आश्रयगृहों में रहने वाले लोगों की क्या स्थिति है. इसका प्रभात खबर की टीम ने जायजा लिया. शहर के महिला-पुरुषों के लिए बनाये गये आश्रयगृहों में अव्वल दर्जे की सुविधाएं देने का जिला प्रशासन के दावे की एक बार फिर पोल खुल गयी है. यहां रहने वाले राहगीरों के साथ आश्रयविहीन लोगों का जीना मुहाल है. यहां रह रहे लोगों को मूलभूत सुविधाओं तक नहीं मिल रही है. स्थिति यह है कि इस प्रचंड गर्मी में न ठीक से पंखा चल रहा है और ना ही ठंडा पानी नसीब हो रहा है. ऊपर से आश्रयगृहों की स्थिति काफी जर्जर है. इन आश्रयगृहों को देख कर ऐसा लग रहा है कि जिले के अधिकारियों ने इस अव्यवस्था को देखने व इसकी बेहतरी को लेकर देखना ही छोड़ दिया है. आश्रयगृहों में बाहर से आने वाले लोगों के साथ बेसहारा मजदूर, रिक्शा चालक व आश्रयविहीन लोग रहते हैं. आश्रयगृहों से लोगों को उम्मीद रहती है कि यहां रुकने पर थोड़ी आर्थिक बचत के साथ आराम करने का स्थान व ठंडा शुद्ध पानी मिल सके. बुधवार को शहर के आश्रयगृहों की पड़ताल प्रभात खबर संवाददाता ने की तो कई चौकाने वाले खुलासे हुए. एक आश्रयगृह को छोड़ कर शहर के सभी आश्रयगृहों की बदहाल स्थिति दिखी. कही साफ-सफाई का घोर अभाव दिखा, तो पंखा व आरओ तक खराब दिखे. ऐसे में यहां ठहरे महिला-पुरुष गर्मी से बेहाल दिखे. जिले के आलाधिकारियों को भी यह देखने की फुर्सत नहीं है कि गरीबों को मूलभूत सुविधाएं मिल रही है या नहीं. सिर्फ फाइलों में बेहर नागरिक सुविधाओं का प्रदर्शन हो रहा है. शहर के आश्रयगृहों की बदहाली व उपेक्षा पर पेश है लाइफ@जमशेदपुर के लिए अशोक झा की रिपोर्ट. तस्वीर ऋषि तिवारी. केस नंबर 1 – जेपी सेतु बस स्टैंड आश्रयगृह स्थित : जेपी सेतु बस स्टैंड आश्रयगृह के एक रूम में 16 बेड पर मात्र 6 पंखा और 7 बेड पर 2 पंखा लगे हैं. पसीने से तर बदर लोग लेटे हुए थे. ऐसा ही हाल अन्य कमरों में दिखा. यहां रुके लोगों का कहना है कि पंखा लगा होने के बावजूद हाल बेहाल है. शौचालय और छत की स्थिति काफी दयनीय है. छत का प्लास्टर गिरते रहता है. आरओ मशीन लगा है, लेकिन गर्मी की वजह से गर्म पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है. ………… केस नंबर 2 – सीतारामडेरा छायानगर, नया कोर्ट के समीप जमशेदपुर अक्षेस का मॉडल आश्रयगृह है. इस आश्रयगृह में शुद्ध पानी के लिए वाटर प्यूरीफायर मशीन आरओ लगाया गया है. आश्रयगृह में बेड, मच्छरदानी, पंखा लगाया गया है. हालांकि यहां कम लोग मिले. आश्रयगृह के आगे पेड़ होने से लोगों को गर्मी में अन्य आश्रयगृह की तुलना में राहत है. यहां निरीक्षण को मानवाधिकार की टीम पहुंच थी इस लिए व्यवस्था थोरी दुरुस्त दिखी. …………… केस नंबर 3 : मानगो दाईगुट्टू आश्रयगृह स्थिति : मानगो दाईगुट्टू आश्रय गृह महिलाओं के लिए हैं. फिलहाल यहां चार महिलाएं रह रही हैं. एक पंखा खराब मिला. आरओ मशीन भी खराब है. बाथरूम की स्थिति भी ठीक नहीं थी. गंदगी पसरी हुई है. भवन का भी रंग रोगन वर्षों से नहीं हुआ है. आश्रयगृह का बाउंड्रीवाल नहीं होने से महिलाएं यहां अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हैं. यहां रह रहीं महिलाओं के लिए सुविधाओं का घारे अभाव है. इसपर ध्यान देने की जरूरत है. …………………. कहां- कहां है आश्रयगृह जमशेदपुर अक्षेस क्षेत्र : बारीडीह मर्सी अस्पताल के समीप, बर्मामाइंस बाजार के पास, साकची में किशोरी नगर, कदमा मरीन ड्राइव, सीतारामडेरा छायानगर नया कोर्ट के पास, जेपी सेतु बस स्टैंड के बगल में, मानगो नगर निगम क्षेत्र में मानगो दाईगुट्टू और कुमरूम बस्ती. ………………….. एनएचआरसी की स्पेशल टीम ने किया आश्रयगृह का निरीक्षण जमशेदपुर. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के झारखंड की स्पेशल रैपौटियर सह पूर्व आइएएस सुचित्रा सिन्हा ने बुधवार को जमशेदपुर अक्षेस अंतर्गत संचालित छायानगर आश्रयगृह का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने आश्रयगृह में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया. इस दौरान यहां रह रहे लोगों से पूछताछ की और रजिस्टर को देखा. इस मौके पर जमशेदपुर अक्षेस के उप नगर आयुक्त कृष्ण कुमार, विशेष पदाधिकारी अजीत कुमार, नगर मिशन प्रबंधक सलिल तिर्की, सिटी मैनेजर विद्या कुमारी, जॉय गुड़िया, सामुदायिक संगठनकर्ता सुधांशु भगत, संपूर्ण माधुरी मौजूद थीं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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