झारखंड के इस शहर में तेजी से बढ़ रहे हैं कंजक्टिवाटिस के मरीज, ये हैं लक्षण और बचाव
कंजक्टिवाटिस की शुरुआत एक आंख से होती है, लेकिन जल्द ही दूसरी आंख भी इसकी चपेट में आ जाती है. लगातार दवा डालने से तीन से पांच दिनों के अंदर यह पूरी तरह ठीक हो जाता है.
शहर में इस समय बरसात व गर्मी के कारण कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं. इसमें कंजक्टिवाइटिस भी उन्हीं बरसाती बीमारियों में एक है, जो आंखों को संक्रमित कर रहा है. इसको जय बांग्ला भी कहा जाता है. इस बीमारी से बच्चों से लेकर बड़े तक शिकार हो रहे हैं. एमजीएम और सदर अस्पताल में प्रतिदिन दस से 20 मरीज इलाज कराने के लिए ओपीडी में पहुंच रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे इसके चपेट में आ रहे हैं. इसकी शुरुआत एक आंख से होती है, लेकिन जल्द ही दूसरी आंख भी इसकी चपेट में आ जाती है. लगातार दवा डालने से तीन से पांच दिनों के अंदर यह पूरी तरह ठीक हो जाता है.
लक्षण : आंख लाल होना, जलन, खुजली, चुभन, तेज दर्द, सूजन, आंख से लगातार पानी गिरना, पलकों पर चिपचिपाहट और आंख में बार-बार कीचड़ का जमा होना
बचाव : स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें, अगर कोई भी लक्षण दिखाई दे तो घर से बाहर न जाएं और परिवार में भी लोगों से शारीरिक दूरी बनाकर रखें, आंखों को बार-बार हाथ न लगाएं, खुजली होने पर आंखों को बिल्कुल मले नहीं, आई ड्रॉप डालने से पहले और बाद में हाथों को साबुन से अवश्य धो लें, बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें.
अपने से दवा लेकर आंख में डालना गलत, बढ़ सकती है समस्या
बाजार में कई प्रकार के आई ड्रॉप बिक रहे हैं. अगर आंख में कोई गलत दवा पड़ जाती है तो इससे आंखों की समस्या बढ़ सकती है. अगर किसी भी व्यक्ति के आंख में कंजक्टिवाटिस बीमारी हो जाती है तो पहले डॉक्टर को दिखाये उनके द्वारा बताये अनुसार दवा डाले. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.
-डॉ एमएम जमाल, एचओडी, नेत्र रोग विभाग