डीआरडीए को जिला परिषद में समाहित करने की दी गयी सहमति
झारखंड पंचायती राज अधिनियम 2001 की धारा 77 (ख) के अनुपालन में डीआरडीए को जिला परिषद में विलय कर दिया गया है.
ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन अब जिला ग्रामीण विकास शाखा के माध्यम से होगा
जमशेदपुर :
झारखंड पंचायती राज अधिनियम 2001 की धारा 77 (ख) के अनुपालन में डीआरडीए को जिला परिषद में विलय कर दिया गया है. समाहरणालय सभागार में डीआरडीए का विघटन कर जिला परिषद में समाहित किये जाने के लिए जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू की अध्यक्षता में प्रबंध पर्षद की बैठक मंगलवार को की गयी. जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि सभी के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन की योजनाओं और विकास कार्यों में तेजी आयेगी. जिला परिषद की आगामी बैठक में डीआरडीए के जिला परिषद में विलय एवं सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों के अनुरूप कोषांग गठन कर प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की जायेगी. डीडीसी मनीष कुमार ने कहा कि डीआरडीए के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गयी है, आगे भी ग्रामीण विकास शाखा जिला परिषद एवं उपायुक्त के मार्ग दर्शन में बेहतर प्रदर्शन करेगी. डीआरडीए में काम कर रहे सभी कर्मियों का जिला परिषद में समायोजन किया जायेगा. डीआरडीए द्वारा संचालित समस्त योजनाएं यथा मनरेगा, ग्रामीण आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन, जोहार योजना, जल छाजन योजना, विधायक योजना, एनआरइपी, प्रखंड स्थापना आदि से संबंधित कार्य तथा अनुश्रवण के लिए जिला स्तर पर उक्त शाखा उपायुक्त के नियंत्रणाधीन कार्य करेगा. डीडीसी तथा निदेशक लेखा प्रशासन एवं स्वनियोजन एवं निदेशक राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम नवगठित कार्यालय के अंग होंगे. बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष, उप विकास आयुक्त, निदेशक राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, विधायक जुगसलाई, बहरागोड़ा, घाटशिला के प्रतिनिधि सहित मनोनीत सदस्य तथा प्रखंड प्रमुख मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है