ऐसे हो रही कोरोना जांच: आरटीपीसीआर का सैंपल, रैपिड टेस्ट का रिजल्ट, और उम्र जानकर चौंक जाएंगे आप
बिरसानगर के परिवार की रिपोर्ट में बड़ी लापरवाही, स्वास्थ्य विभाग भी हैरान
जमशेदपुर : कोरोना संक्रमण को लेकर चल रही जांच में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं. दरअसल, बिरसानगर जोन नंबर वन-बी के रहने वाले एक परिवार के चार सदस्यों ने एक अक्तूबर को कोरोना टेस्ट के लिए सिदगोड़ा में संचालित कैंप में सैंपल दिया था. परिवार का कुछ सदस्य पूर्व से कोरोना पॉजिटिव थे, इसलिए सैंपल लेने वाले स्टाफ ने पूछने पर बताया कि उनका आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए सैंपल लिया जायेगा.
रिपोर्ट चार-पांच दिन बाद आने की बात कही. लेकिन दो अक्तूबर की रात ही मोबाइल पर रिपोर्ट भेज दी. इसमें चारों सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव बतायी. परिवार के लोगों ने जब रिपोर्ट को देखा, तो पाया कि रिपोर्ट पर 29 सितंबर की तारीख लिखी है. लेकिन परिवार के एक भी सदस्य 29 सितंबर को कोरोना जांच के लिए सैंपल नहीं दिया था. वहीं, आरटीपीसीआर सैंपल टेस्ट की बजाय, उसमें रैपिड टेस्ट रिपोर्ट दिखायी गयी है.
अब तक जिले में दो लाख से ज्यादा लोगों के सैंपल कलेक्ट कर जांच हो चुकी है.
उम्र में भी गड़बड़ी : जांच व रिपोर्ट में केवल गड़बड़ी ऐसी है कि एक व्यक्ति की उम्र 358 वर्ष दिखायी गयी है. 29 सितंबर की तारीख की जो रिपोर्ट इस परिवार के पास आयी है, उसमें एक पुरुष सदस्य की उम्र 358 दर्ज की गयी है. उनकी उम्र 35 वर्ष है. वहीं, उनके पांच वर्षीय बेटे की उम्र 10 वर्ष दर्ज है.
पॉजिटिव मरीज को खुद जाकर टेस्ट कराने की बात कही : जब परिवार के सदस्यों ने सेकेंड सैंपल कलेक्ट करने के लिए हेल्पलाइन पर कॉल किया, तो वहां से बताया गया कि उन्हें खुद ही किसी नजदीकी सैंपल कलेक्शन सेंटर में जाना होगा. इसके बाद पूरा परिवार अपनी कार से एक अक्तूबर को सिदगोड़ा टाउन हॉल पहुंच कर सैंपल दिया.
एक अक्तूबर को सैंपल लिया, रिपोर्ट पर तारीख लिखी तीन दिन पहले 29 सितंबर की सैंपल
पिता के पॉजिटिव होने पर परिवार का लिया सैंपल : परिवार के मुखिया की तबीयत 14 सितंबर खराब होने पर टीएमएच में भर्ती कराया गया था. जांच में वे पॉजिटिव पाये जाते हैं. इसके बाद 16 सितंबर को एक सदस्य का सैंपल टेल्को जी हॉस्टल में लिया गया, जिसकी रिपोर्ट 21 सितंबर को पॉजिटिव आयी. वहीं, घर में कोरेंटिन मां, पत्नी और पांच वर्षीय बेटे का निजी लैब वाले ने घर आकर 17 सितंबर को सैंपल लिया था, जिसकी रिपोर्ट 18 सितंबर को ही आ गयी, जो पॉजिटिव थीं.
प्रशासन ने इसी दौरान घर को सील कर दिया था. 28 सितंबर को टीएमएच में एडमिट पिता की मृत्यु हो जाती है. कोविड नियमों के साथ अंतिम संस्कार की जाती है. परिवार के लोग 30 सितंबर तक घर से न तो निकले और न ही उनके घर पर कोई सैंपल लेने आया. नियम के अनुसार सेकेंड टाइम सैंपल देना था. इसलिए वे लोग एक अक्तूबर को खुद ही सिदगोड़ा टाउन हॉल पहुंचे थे.
गड़बड़ी की संभावना नहीं है. जब एक अक्तूबर को सैंपल दिया, तो 29 सितंबर की रिपोर्ट नहीं आ सकती है. टीम जांच कर रही है. सिदगोड़ा में आरटीपीसीआर के साथ रैपिड का भी सैंपल लिया जा रहा है.
साहिर पाल, एसीएमओ सह जिला सर्विलांस पदाधिकारी
कोरोना से मरनेवाले 93.96 फीसदी संक्रमित गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे : झारखंड में कोरोना संक्रमितों में उन मरीजों की मौत ज्यादा हो रही है, जो पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित रहे हैं. ऐसे कोमोर्बिड कंडीशन (सहरुग्णता परिस्थिति) वाले मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है. अब तक जितने कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है, उनमें 93.96% मरीजों की मौत कोमोर्बिड कंडीशन की वजह से हुई है. इनमें ज्यादातर डायबिटीज, किडनी, हृदय रोग, अस्थमा, निमोनिया, हाइबीपी या टीबी जैसी बीमारियां थीं.
ऑक्सफोर्ड का टीका दिसंबर तक आयेगा : लंदन. ऑक्सफोर्ड विवि के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया जा रहा कोरोना टीका ब्रिटेन में दिसंबर माह तक बन कर तैयार हो जायेगा. ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक क्रिसमस तक इसे जरूरी मंजूरी मिल जायेगी़ इसके बाद वयस्कों के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जायेगा.
Posted by : Pritish sahay