कोरोना का असर : जमशेदपुर से इन जगहों को जाने वाली 45 बसें हुई बंद, दोबारा चलने पर बढ़ेगा किराया
कोरोना संक्रमण का जमशेदपुर के बस चालकों और मालिकों पर गहरा असर पड़ा है. जिले से चलने वाली 45 बसों को बंद कर दिया गया है. बस संचालकों का कहना है कि डीजल की कीमतें बढ़ी हैं इसलिए अगर दोबारा बस चलती भी है तो किराया बढ़ा जाएगा.
Bus Rate in Jamshedpur जमशेदपुर : कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले की वजह से मानगो बस स्टैंड से कोल्हान, ओडिशा व बोकारो के बीच चलने वाली 45 बसें बंद हो गयी हैं. अभी सिर्फ 35 बसें ही चल रही हैं. बसों के बंद होने से बहरागोड़ा, घाटशिला, चाईबासा, किरीबुरु, धनबाद, बोकारो, बारीपदा, जगन्नाथपुर, भागलपुर व पुरी के यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा.
रेलगाड़ियां भी इन मार्गों पर बंद हैं. प्राइवेट बस स्टैंड के संरक्षक शंकर दुबे ने बताया कि कोरोना ने सबसे अधिक नुकसान परिवहन उद्योग को पहुंचाया. कोरोना के डर से यात्रियों ने बसों में चलना बंद कर दिया है. ऐसे में बस मालिकों के सामने टैक्स जमा करने की बड़ी चुनौती है.
दिसंबर अंत से ही यात्रियों की संख्या कम होने लगी थी. नये साल में पिकनिक पर जाने वाले भी बसें बुक करवाते थे, लेकिन प्रशासन ने उस पर रोक लगा दी है. निजी स्टैंड से झारखंड, बिहार के भागलपुर, बंगाल और ओडिशा मार्ग पर 80 बसें चलती हैं. इनमें 60 प्रतिशत बसें लोन पर हैं और हर महीने उनका इंस्टॉलमेंट देना पड़ता है. बस नहीं चलने से तीन हजार से अधिक परिवार प्रभावित हो गये हैं. इसमें हॉकर, काउंटर संचालक, एजेंट, बस चालक, कंडक्टर और खलासी शामिल हैं. एक बस से औसतन 10 से 12 लोग जुड़े रहते हैं, जिनका परिवार आज संकट में है.
लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी लंबी दूरी की बसों का परिचालन सामान्य होना आसान नहीं है. आशंका है कि सुरक्षा को लेकर लोग लंबी दूरी की बसों से दूर भागेंगे. लोगों की सुरक्षा में खर्च बढ़ेगा. सोशल डिस्टेेंस में यात्रियों को बैठाना होगा. डीजल की कीमतें बढ़ी हैं. यदि बसें चली भी तो उसके लिए किराया बढ़ेगा.
-शंकर दुबे, संरक्षक, प्राइवेट बस स्टैंड, मानगो
Posted by : Sameer Oraon