Coronavirus In Jharkhand, जमशेदपुर न्यूज (विकास कुमार श्रीवास्तव) : टाटा स्टील द्वारा कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों को विभिन्न तरह की सोशल सिक्यूरिटी स्कीम को लेकर पूर्व में की गयी घोषणा के बाद इस संबंध में आधिकारिक तौर पर सोमवार को मैनेजमेंट और टाटा वर्कर्स यूनियन के बीच समझौता पर हस्ताक्षर हुआ. इस समझौते के दौरान पूर्व में की गयी घोषणा में कुछ सुविधा व स्कीम में बढ़ोत्तरी भी की गयी है. जिसका लाभ कर्मचारी व उनके परिवार वालों को मिलेगा. इस संबंध में टाटा वर्कर्स यूनियन ने आधिकारिक तौर पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी साझा की है.
सोमवार को समझौते में प्रबंधन की ओर से वीपीएचआरएम अत्रेयी सरकार, चीफ ग्रुप एचआर आइआर जुबिन पालिया, चीफ आइआर राहुल दुबे व यूनियन से अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी, महामंत्री सतीश सिंह व डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह मौजूद थे. समझौता के अनुसार कोविड-19 फैमिली प्रोटेक्शन स्कीम के नाम से लागू स्कीम के तहत मार्च 2020 से मार्च 2022 तक अगर किसी कर्मचारी की मौत हो गयी है या होती है तो उनके परिवार को मृतक के सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल तक उनके अंतिम बेसिक और डीए के साथ आईबी, एक्टिंग, रात्रि पाली भत्ता, टीपीआर को छोड़कर अन्य सभी भत्तों को जोड़कर प्रतिमाह मिलेगा. साथ ही इसमें प्रतिवर्ष 1000 रुपये की वृद्धि की जायेगी. इसके अलावा तीन साल तक क्वार्टर रखने की अनुमति होगी. क्वार्टर छोड़ने की तिथि से फिर प्रतिमाह मृतक के बेसिक और डीए का 10 प्रतिशत हाउस रेंट एनाउंसमेंट मिलेगा.
जिस कर्मचारी ने क्वार्टर नहीं लिया था उनके परिवार को तत्काल ही एचआरए मिलना शुरू हो जायेगा. देश में कहीं भी शिफ्टिंग के लिए 50 हजार रुपये भी दिये जायेंगे. अधिकतम दो बच्चों के स्नातक की पढ़ाई के लिए अधिकतम एक-एक लाख रुपये कंपनी देगी. इसके लिए रसीद मुहैया कराना होगा. समझौते के मुताबिक मार्च 2022 के बाद भी अगर कोरोना रहता है तो इस स्कीम को आगे बढ़ाने पर पुनविर्चार किया जायेगा.
कर्मचारी के परिजन के रजिस्ट्रेशन को लेकर 1970 में यूनियन के साथ एक समझौते के बाद शुरू हुआ था. जिसके अनुसार जो कर्मचारी कंपनी में 25 वर्षों से अधिक (ट्यूब डिवीजन के मामले में 10 वर्ष) काम किया है, वे रजिस्ट्रेशन के लिए अपने एक वार्ड को पंजीकृत कर सकते थे, लेकिन वर्तमान समझौता के अनुसार ऐसे कर्मचारी जिनकी मौत कोरोना या अन्य बीमारी से भी 25 वर्ष सेवाकाल से पहले हो जाती है, तो भी उनके आश्रित का पंजीयन कर्मचारी वार्ड के लिए किया जायेगा. यह बहुत बड़ा फैसला है क्योंकि युवा अवस्था में मर जाने वाले कर्मचारी के परिवार के सदस्य इस लाभ से वंचित हो जाते थे.
मालूम हो कि मार्च में 500 आश्रितों की नियुक्ति समझौता के तहत 175 पर प्रक्रिया शुरू हो गयी थी, लेकिन कोरोना के सेकेंड वेव के बढ़ने के बाद पूरी प्रक्रिया होने के बाद भी बहाली स्थगित हो गयी. सोमवार को हुए समझौता में यह तय किया गया है कि बहाली प्रक्रिया को और 15 दिन के लिए शुरू किया जायेगा. कोरोना के कारण प्रक्रिया से वंचित आश्रित इसमें आवेदन कर सकते हैं.
टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी ने कहा कि प्रबंधन व यूनियन के बीच हुआ यह फैसला ऐतिहासिक है. इस फैसले से प्रबंधन ने साबित किया है कि दुनिया में कर्मचारी व उनके परिवार के हित में टाटा जैसी सोचने वाली कंपनी है. वहीं यूनियन ने भी अपने गौरवमयी इतिहास को बरकरार रखा है और आगे भी कर्मचारियों के लिए ऐसे काम करती रहेगी.समझौते में नयी बात
– कर्मचारी के किसी प्रकार से 25 वर्ष सेवाकाल के पूर्व मौत पर कर्मचारी वार्ड में आश्रित का पंजीयन होगा
– कर्मचारी के मौत के तीन साल तक क्वार्टर रखने के बाद छोड़ने पर 5 हजार रुपये हाउस रेंट अलाउंस मिलता रहेगा
– बच्चों की पढ़ाई के लिए स्नातक तक प्रति साल एक लाख रुपये (स्कूल, कॉलेज की फीस के अनुसार)
– आश्रितों की बहाली के लिए चल रही बहाली प्रक्रिया और 15 दिनों के लिए फिर से शुरू की जायेगी
– कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के परिवार को मिलने वाले 60 साल तक मिलने वाली सैलरी (बेसिक डीए) के साथ प्रति वर्ष एक हजार रुपये इंक्रीमेंट भी मिलेगा
Posted By : Guru Swarup Mishra