Coronavirus Latest News, Jharkhand News, जमशेदपुर न्यूज (संदीप कुमार) : भारत के 10 प्रतिशत लोगों में बिना सिम्पटम का कोरोना हो चुका है. उन्हें ना ही किसी प्रकार का बुखार है और ना ही सांस लेने में तकलीफ हुई, लेकिन कोरोना के बाद वे ठीक भी हो गये. साथ ही उनमें एंटी बॉडी डेवलप भी हो गयी. ये भले उक्त व्यक्ति के लिए अच्छी बात है क्योंकि उन्हें कोरोना होने पर भी किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं हुई, लेकिन उनकी वजह से देश के सबसे ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हुए. ये वे लोग थे जो ज्यादातार पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते थे. ये बातें भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के सेक्रेट्री सह काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के डायरेक्टर जनरल डॉ एससी मांडे ने कहीं. वे मंगलवार को सीएसआइआर-एनएमएल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
डॉ एससी मांडे ने कहा कि सीएसआइआर ने इसे लेकर पूरे देश में एक रिसर्च किया. जिस रिसर्च में ये बातें उभर कर सामने आयी. साथ ही बताया कि देश में अब बड़ी तेजी से यूके से आयी कोरोना की नयी स्ट्रेन के केस भी सामने आ रहे हैं. इस पर उन्होंने चिंता जतायी. हालांकि बताया कि इसके लिए सीएसआइआर पूरी तरह से तैयार है. इस खास स्ट्रेन पर सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिकुलर बायोलॉजी, हैदराबाद व सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन द्वारा रिसर्च भी शुरू कर दिया गया है.
डॉ मांडे ने बताया कि देश में कोरोना का पहला केस 23 जनवरी को आया था और सीएसआइआर ने 25 फरवरी से इस पर काम करना शुरू कर दिया था. डॉ मांडे ने बताया कि सीएसआइआर ने लेप्रोसी यानी कुष्ठ रोग के इलाज में कारगर एमडब्ल्यू वैक्सीन का टेस्ट शुरू किया है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसकी मंजूरी दे दी है. एक अन्य अप्रूवल मार्च के मध्य तक मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद आने वाले दिनों में ट्रायल शुरू कर दिया जायेगा. इस ट्रायल के बाद यह पता चल जायेगा कि यह वैक्सीन कुष्ठ रोग के इलाज में कितना प्रभावी है. कहा कि इसके पेपर बेस्ड टेस्ट अच्छे परिणाम सामने आये हैं. उम्मीद जतायी कि आने वाले दिनों में कुष्ठ रोग के वैक्सीन के भी सकारात्मक परिणाम निकल कर देश के सामने आयेंगे.
डॉ मांडे ने कहा कि इस कोरोना काल में कई राज्यों में अस्पताल की कमी हो गयी थी. कुछ यही स्थिति हिमाचल प्रदेश में भी उभर कर सामने आयी थी. मरीजों की संख्या बढ़ रही थी, लेकिन अस्पताल में बेड नहीं थी. इसके बाद सरकार ने सीएसआइआर ने संपर्क किया. वहां छह जगहों पर सीएसआइआर ने अस्पताल तैयार किया. बताया कि अब सीएसआइआर इस स्केल पर डेवलप हो चुका है कि देश के किसी भी इलाके में पांच दिनों के भीतर 100 बेड का अस्पताल तैयार कर सकता है.
सीएसआइआर के डायरेक्टर जनरल डॉ एससी मांडे ने बताया कि कोरोना पर रिसर्च के दौरान यह बात भी उभर कर सामने आयी कि एसी अगर किसी कमरे में चल रहा होता है तो वह उसी कमरे की हवा को बार-बार आप तक पहुंचाता है. अगर किसी मॉल या स्कूल में कोई कोरोना पॉजिटिव है, और उसने सांस छोड़ी है तो उसकी सांस से निकले वायरस से दूसरे को भी कोरोना होने का खतरा बना रहता है, लेकिन अब सीएसआइआर ने रूम क्लीनर टेक्नोलॉजी तैयार की है, जो अब नयी बनने वाली एसी में लगी रहेगी. जिससे किसी बंद जगह पर शुद्ध हवा लोगों को मिल सकेगी.
Posted By : Guru Swarup Mishra