Loading election data...

झारखंड के इस जिले में कॉक्स वायरस से संक्रमित हो रहे बच्चे, जानें कैसे फैलता है ये और क्या है इसके लक्षण

दो माह से कॉक्स वायरस शहर में तेजी से फैल रहा है. इसकी चपेट में आठ साल के कम उम्र वाले बच्चे आ रहे हैं. संक्रमण से बच्चों के हाथ, पैर व मुंह में छोटे-छोटे लाल दाने आ जाते हैं

By Sameer Oraon | October 12, 2022 1:00 PM

जमशेदपुर: झारखंड के जमशेदपुर में कॉक्स वायरस तेजी से फैल रहा है और इसकी चपेट में सबसे ज्यादा 8 साल से कम के बच्चे आ रहे हैं. संक्रमण से बच्चों के हाथ, पैर व मुंह में छोटे-छोटे लाल दाने आ जाते हैं, जिसमें पानी भर जाता है. शहर के अस्पतालों में हर रोज 10 से 20 इस केस लगातार आ रहे हैं. डॉक्टरों ने इस वायरस का नाम हैंड-फुट-माउथ संक्रमण दिया है. वायरस से संक्रमित 10 से 20 बच्चे प्रतिदिन इलाज कराने पहुंच रहे.

बच्चों में कैसे फैलता है वायरस 

चाइल्ड विशेषज्ञ डॉ आर के अग्रवाल ने बताया कि इस वायरस का संक्रमण चिकन पॉक्स के लक्षणों से मिलता है. यह सामान्य बीमारी जैसी ही है. हर साल यह बीमारी बच्चों में होती है लेकिन इस साल इसका प्रकोप अधिक दिख रहा है. उन्होंने कहा- यह वायरस ग्रुप में ज्यादा अटैक करता है और एक से दूसरे बच्चे में फैलता है.

उन्होंने कहा- यह मवेशियों, मच्छर, व गंदगी के कारण या किसी संक्रमित के संपर्क में आने से फैलता है. उन्होंने बताया कि शुरू में तीन दिन फीवर रहता है. उस दौरान यह फूंसी बढ़ती है उसके बाद धीरे-धीरे ठीक होने लगता है. इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है. यह तेजी से फैलता है उसके बाद ठीक हो जाता है.

इसके लक्षण

हाथ, पैर, मुंह व हिप्स पर छोटे दर्दनाक छाले, दो से तीन दिन तेज बुखार, अस्वस्थ महसूस होना, छालों के पास खुजली, भूख ना लगना

लंपी वायरस से सुरक्षित है दूध

लंपी वायरस को लेकर दूध में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है. यह जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है. लंपी वायरस को लेकर पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने सैंपल को टेस्ट के लिए भेजा था. इस टेस्ट में लंपी वायरस के कारण दूध में किसी तरह का असर है या नहीं, इसकी भी जांच करायी गयी थी, जिसमें यह बातें साफ हुई है कि दूध को लेकर कोई दिक्कत नहीं है. जिला पशुपालन पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार की ओर से पहले ही सैंपल की जांच करने के लिए भेजी गयी थी. इसके बाद अब जाकर रिपोर्ट आयी है. वैसे अभी कई गांवों में इसे लेकर शिविर लगाया जा रहा है, ताकि जानवरों को लेकर किसी तरह की दिक्कत है, तो उसे दूर किया जा सके.

Next Article

Exit mobile version