पुस्तक मेले में पांच भाषाओं में मिल रही है गीतांजलि
पुस्तक मेले में पांच भाषाओं में मिल रही गीतांजलि
जमशेदपुर.रवींद्र भवन परिसर साकची में लगे पुस्तक मेले में बांग्ला भाषा की किताबों की मांग अच्छी है. विश्व भारती प्रकाशन के स्टॉल पर पांच भाषाओं में रवींद्रनाथ टैगोर की गीतांजलि मिल रही है. बांग्ला की गीतांजलि की कीमत 140 रुपये है. इंग्लिश की गीतांजलि की कीमत 200 रुपये, संस्कृत की गीतांजलि की कीमत 300 रुपये है. हिंदी और संथाली की गीतांजलि 250 रुपये में मिल रही है. सभी पुस्तकों पर 20 प्रतिशत की छूट दी जा रही है. टैगोर की ही 916 पृष्ठ की संचयिता की कीमत 700 रुपये है. उपन्यास शेषेर कोविता, सहज पाठ जैसी किताबों पर लोगों की नजरें जा रही हैं. पोतीन पावन प्रकाशन कोलकाता से आयी बांग्ला में मॉडर्न एलोपैथी चिकित्सा प्रैक्टिस ऑफ न्यू मेडिसीन, वृहत होमियोपैथी पारिवारिक चिकित्सा जैसी किताबें भी मेले में हैं. झारखंड की समरगाथा झारखंड से संबंधित किताबों में शैलेंद्र महतो की पुस्तक झारखंड की समरगाथा संग्रहणीय हो सकती है. इसकी भूमिका भारतीय भाषा केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नयी दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष डॉ वीर भारत तलवार ने लिखी है. वह लिखते हैं, शैलेंद्र महतो ने आंदोलन किया और उसका इतिहास भी जुटाया और लिखा. उन्होंने सैकड़ों घटनाओं के विस्तार में जाकर सभी आवश्यक तथ्यों को जुटाया, दर्जनों ऐतिहासिक दस्तावेजों को पेश किया और पूरी निष्ठा के साथ आंदोलन का विवरण दिया. झारखंड आंदोलन का कोई भी पक्ष, कोई भी महत्वपूर्ण घटना और कोई भी आवश्यक संदर्भ जहां तक हो सका है, इसमें छूटा नहीं है. अनुज्ञा बुक्स से आयी इस पुस्तक की कीमत 1199 रुपये है. जिस पर 15 प्रतिशत की छूट दी जा रही है. इसी तरह झारखंड आंदोलन से जुड़ी कई किताबें भी मेले में हैं.
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