जमशेदपुर में बुजुर्गों को निशाने पर ले रहा साइबर क्रिमिनल्स, बैंक हॉलिडे के दिन आसानी से करता ट्रांजेक्शन
जमशेदपुर में साइबर क्रिमिनल्स KYC अपडेट के नाम पर लोगों से ठगी कर रहा है. इनदिनों बुजुर्गों को साइबर क्रिमिनल्स बड़े आसानी से अपना निशाना बना रहा है. वहीं, बैंक हॉलिडे के दिन ठगी के ट्रांजेक्शन को सुरक्षित मान कर घटना को बखूबी अंजाम दे रहा है.
Jharkhand Cyber Crime News (निखिल सिन्हा, जमशेदपुर) : जमशेदपुर क्षेत्र में इन दिनों साइबर क्रिमिनल्स काफी सक्रिय है. इनदिनों खासतौर पर बुजुर्गों को अपना निशाना बना रहा है. एक महीने में KYC अपडेट के नाम पर करीब 18 लोगों से ठगी कर चुका है. साथ ही बैंक हॉलिडे के दिन अधिक ठगी हो रहा है, ताकि ट्रांजेक्शन को रोका नहीं जा सके.
सूत्र बताते हैं कि साइबर क्रिमिनल्स बुजुर्गों को तो अपना निशाना बना ही रहे हैं, वहीं ठगी के लिए बैंक की छुट्टी के दिन को अधिक उपयोगी मानता है. इसके पीछे का तर्क है कि बैंक छुट्टी के दिन बैंक के बंद रहने के कारण ट्रांजेक्शन को नहीं रोका जा सकता है और साइबर क्रिमिनल्स बड़े आसानी से अपना काम कर लेते हैं.
इसके अलावा KYC अपडेट के नाम पर साइबर क्रिमिनल्स लोगों को ठग रहे हैं. पिछले कुछ समय से जमशेदपुर के साइबर थाने में कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जिसमें घर बैठे कई लोगों को KYC अपडेट करवाने के नाम ठगा गया है. इसमें सीनियर सिटीजन की संख्या सबसे अधिक है. इन दिनों साइबर क्रिमिनल्स के निशाने पर बुजुर्ग ही हैं.
साइबर क्रिमिनल्स लोगों के पास फोन कॉल, SMS और ई-मेल के माध्यम से KYC अपडेट करने की बातें कह रहा है वर्ना बैंक खाता बंद होने की बातें कह रहा है. गिराेह के सदस्य पहले BSNL के मोबाइल नंबर पर सिम बंद होने का मैसेज भेजकर KYC की बात कहते हैं.
इस तरह से ग्राहक को भरोसे में लेने के बाद ऑनलाइन सहयोग के नाम पर ATM का नंबर और CVV नंबर प्राप्त कर लेते हैं. इसके बाद बैंक खाते से रुपये उड़ा लेते हैं. ऐसे मामलों में साइबर क्रिमिनल्स को उपभोक्ता के खातों की पूरी जानकारी होती है. बिष्टुपुर साइबर थाना में एक महीने में KYC अपडेट के नाम पर रुपये निकासी के 18 मामले दर्ज हुए हैं.
ऐसे होती है ठगी
SMS से KYC अपडेट नहीं होने के कारण मोबाइल नंबर बंद होने की सूचना दी जाती है. लोग कॉल कर अपडेट करने की जानकारी मांगते हैं. इस मौका का लाभ उठा कर साइबर क्रिमिनल्स ऑनलाइन अपडेट के नाम पर फोन पर एक एप डाउनलोड करने को कहता है. एप डाउनलोड करते ही उपभोक्ता के फोन स्क्रीन को साइबर क्रिमिनल्स हैक कर लेते हैं. इसके बाद 10 या 12 रुपये ऑनलाइन पेमेंट करने को कहते हैं. मोबाइल से ऑनलाइन पेमेंट होते ही पूरी जानकारी साइबर क्रिमिनल्स के पास चली जाती है.
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बैंक खाते में वापस आये 80 हजार रुपये
ऐसी ही एक घटना में मीरा देवी और किशाेर वर्मा के बैंक खाते से 80 हजार रुपये की निकासी साइबर क्रिमिनल्स ने कर ली थी. लेकिन, सही समय पर जानकारी मिलने पर साइबर थाने की पुलिस ने संदिग्ध एकाउंट को फ्रिज कर बैंक खाता में रुपये वापस कराने में सफलता पायी है. अधिकांश मामलों में BSNL की सिम को बंद होने की बात कहकर ठगी की जाती है.
घटना के 24 घंटे के अंदर दें जानकारी
साइबर ठगी के अधिकांश मामलों में लोग रुपये वापस आने का इंतजार करते हैं. इसके बाद सूचना बैंक और पुलिस को देते हैं. इस बीच दूसरे एकाउंट में भेजी गयी राशि को ठग निकाल लेते हैं. साइबर थाना प्रभारी के अनुसार, अगर 24 घंटे के भीतर पुलिस को सूचना दी जाये, तो रुपये मिलने की उम्मीद अधिक होती है. साइबर क्रिमिनल्स बड़ी ठगी के लिए उस दिन का चयन अधिक करते हैं, जिस दिन बैंक में छुट्टी हो, ताकि उनके ट्रांजेक्शन को रोका नहीं जा सके.
हर दिन ठगी की शिकायत पहुंच रहे साइबर थाने : उपेंद्र मंडल
इस संबंध में बिष्टुपुर साइबर थाना प्रभारी उपेंद्र मंडल ने कहा कि KYC अपडेट करने के नाम पर साइबर ठगी की घटनाएं बढ़ी हैं. हर दिन कोई न कोई साइबर ठगी की शिकायत लेकर पहुंच रहा है. साइबर क्रिमिनल्स को ठगी करने वाले व्यक्ति के बैंक खाते की पूरी जानकारी रहती है. इस तरह से वो आसानी से बैंक खाते से रुपये की निकासी कर लेता है. ऐसे मामले में पुलिस को तत्काल सूचित करने की जरूरत है.
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Posted By : Samir Ranjan.