इलाज के लिए रांची तक भटकते रहे परिजन, मौत के बाद शव को चूहे ने कुतरा
The family members kept wandering for treatment, after the death the rat gnawed at the dead body.
वरीय संवाददाता जमशेदपुर .
मानगो दाइगुटू कृष्णा रोड निवासी श्याम सिंह (45) मंगलवार सुबह गाड़ी से गिरने से घायल हो गये थे. उनके सिर पर चोट लगी थी. परिजन इलाज के लिए पहले मानगो के एक प्राइवेट डॉक्टर के पास गये. वहां अचानक बेहोश होने पर परिजन उन्हें इलाज के लिए टाटा मेन अस्पताल ले गये. टीएमएच के डॉक्टरों ने परिजनों को राजेंद्र चिकित्सा विज्ञान संस्थान रांची (रिम्स) ले जाने की सलाह दी. परिजन एंबुलेंस से रांची रिम्स गये. रिम्स में डॉक्टरों ने बेड नहीं होने का हवाला देकर लौटा दिया. रांची से लौटने के दौरान एंबुलेंस चांडिल में दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. परिजन इलाज के लिए भटकते -भटकते बुधवार की सुबह एमजीएम अस्पताल में पहुंचे और श्याम सिंह को इमरजेंसी में भर्ती कराया.
समय से इलाज नहीं होने से कुछ घंटे बाद ही इलाज के दौरान श्याम सिंह की एमजीएम अस्पताल के इमरजेंसी में मौत हो गयी. घटना परिवार में कोहराम मच गया. परिजन शव को एमजीएम अस्पताल के शीतगृह में रख चले गये. गुरुवार सुबह शव लेने अस्पताल पहुंचे तो यह देख अवाक हो गये कि शव के पैर की उंगलियों और प्राइवेट पार्ट को चूहे ने कुतर दिया है. घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने एमजीएम अस्पताल में हंगामा किया. परिजनों का कहना था कि शिकायत करें भी किससे, आखिर हम गरीब की सुनता ही कौन है. अस्पताल के कर्मचारियों ने समझा बुझाकर परिजनों को शांत कराया.12 में 7 फ्रीजर खराब, शव रखने की जगह
एमजीएम अस्पताल के शीतगृह में 12 में 7 फ्रीजर खराब हो गया है. इससे शव रखने में मरीज के परिजनों के साथ अस्पताल प्रबंधन को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नया वाले छह फ्रीजर विगत 15 दिन से खराब है. जबकि पुराना वाला पांच नंबर फ्रीजर खराब है. फ्रीजर में पानी जमा हो जाता है. वहीं पांच फ्रीजर में से 4 में शव रखे हुए थे. कर्मचारियों के लिखित शिकायत के बाद ठीक नहीं हो सका. कर्मचारी बताते है कि दो नया एसी लगना था,लेकिन पुराना एसी लगा दिया गया. बयानशीतगृह में शव रखने की जगह नहीं थी. परिजनों को पहले ही कहा गया था कि मोर्चरी में पहले से शव है. बार-बार परिजनों ने अस्पताल में ही शव को रखने का अनुरोध किया था. परिजनों के कहने पर शव को बाहर रूम में एसी चलाकर रखा गया था.
डॉ रवींद्र कुमार, अधीक्षक, एमजीएम अस्पताल
बयान
श्याम सिंह मंगलवार को वाहन से गिरने से घायल हो गये थे. इलाज के लिए भटकते- भटकते एमजीएम में बुधवार की सुबह मौत हो गयी. अस्पताल प्रबंधन को अनुरोध करने पर शव को शीतगृह में रखने का आदेश दिया. हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि शव को यहां मत रखिये. रिक्स है,लेकिन यह नहीं बताया था कि चूहे खा जायेंगे. गुरुवार की सुबह देखे कि शव के पैर, उंगलियों और प्राइवेट पार्ट को चूहे ने कुतर दिया था. –ज्ञानेश्वर सिंह, मृतक के रिश्तेदार
पहले भी हो चुकी है घटना
एमजीएम में यह पहला मामला नहीं है. पहले भी एमजीएम अस्पताल में कई बार चूहे शवों को कुतर चुके हैं. ऐसे मामलों को लेकर एमजीएम अस्पताल अक्सर सुर्खियों में रहता है.कब कब एमजीएम चूहे ने कुतरा है शव
16 जुलाई 2013 : भालूबासा, लाइन-2, क्वार्टर 63 निवासी गुड्डू ठाकुर के शव को चूहे ने कुतर दिया था. 9 जून 2014 : भालूबासा निवासी गुड्डू ठाकुर की मौत के बाद चूहों ने कई जगहों पर कुतर दिया था.30 नवंबर, 2015 को जुगसलाई के एक व्यक्ति के शव की हथेली को चूहों ने कुतर दिया था.
5 फरवरी 2015 : चौका के पोड़का गांव निवासी नागेंद्र हजाम का एमजीएम में मौत हो गयी. इसके बाद शव से चूहों ने आंख निकाल लिया था.14 जनवरी 2015 : बिरसानगर निवासी सुनील कुमार की मौत एमजीएम में हो गयी. इसके बाद उनके आंखों को भी चूहों ने कुतर दिया था. वहीं इसी दिन एक और शव को चूहों ने कुतर दिया था.
6 जनवरी 2015 : उलीडीह निवासी हीरा मिस्त्री की मौत होने के बाद उनके नाक को चूहों ने कुतर दिया था.28 सितंबर, 2018 को एक मरीज की इमरजेंसी में मौत हो गयी थी. उसका शव अस्पताल के शौचालय के पास पड़ा मिला था. उस लाश के चहरे को चूहों ने कुतर दिया था. इस मामले में इमरजेंसी के दो नर्सों को शोकॉज भी हुआ था.
6 अप्रैल 2023 : पार्किंग में पड़े एक शव के एक उंगली को चूहे ने कुतर दिया